नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के उच्च न्यायालयों में मुकदमों का बोझ कम करने के लिए तदर्थ जज की नियुक्ति की राह आसान कर दी।
अब उच्च न्यायालयों में 20 फीसदी से कम रिक्तियां होने के बाद भी तदर्थ (एडहॉक) जजों की नियुक्ति की जा सकेगी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने मुकदमों का बोझ कम करने और समय पर न्याय देने के लिए 28 अप्रैल 2021 के फैसले में लगाई गई कई शर्तों को निलंबित कर दिया। इससे 20 से कम रिक्तियां होने पर भी अस्थाई जजों की नियुक्ति की जा सकेगी।