बजट की पूर्व संध्या पर कॉफी हाउस में अर्थशास्त्रियों ने की परिचर्चा। अमर उजाला
प्रयागराज। केंद्रीय बजट की पूर्व संध्या पर सिविल लाइंस स्थित कॉफी हाउस में शुक्रवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें अर्थशास्त्र के शिक्षकों और शोध छात्रों ने भागीदारी की। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री पूंजीगत व्यय को बढ़ाने और बचत व निवेश के अंतर को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
अर्थशास्त्री प्रो. विवेक कुमार निगम ने कहा कि समृद्धि तेज करने और रोजगार बढ़ाने के लिए बजट में शिक्षा और कौशल निर्माण जैसे क्षेत्र पर और मूलभूत अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
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ईसीसी में अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में कमी आई है। खपत भी कुछ वर्षों से कम है, रोजगार वृद्धि कम है। सरकार की कर छूट के बावजूद निजी क्षेत्र ने निवेश नहीं बढ़ाया है।
ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है
अर्थशास्त्रियों ने कहा, पूंजीगत व्यय को बढाने और बचत व निवेश के अंतर को कम करने की जरूरत
कि सरकार पूंजीगत व्यय में वृद्धि करे और आयकर दर कम करे। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हर्षमणि सिंह ने कहा कि जन उपयोगी वस्तुओं जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार के व्यय में कमी आई है।
दीर्घकाल में संवृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसके लिए बजट में शिक्षा पर व्यय को बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही छात्रवृत्तियों को बेहतर तरीके से लक्षित किया जाना चाहिए।
आर्यकन्या कॉलेज में अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमित पांडेय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने व लचीलापन लाने के लिए केंद्रीय बजट में कई उपायों की घोषणा की जानी चाहिए