आयकर कटौती की दरों में वृद्धि से कर्मचारी जगत उत्साहित है। कर्मचारियों ने बजट के प्रावधान का न केवल स्वागत योग्य बताया बल्कि अप्रत्याशित फैसला करार दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि टैक्स स्लैब में इतनी बड़ी छूट का ऐलान सराहनीय कदम है।
पिछले कई वर्ष से कर्मचारी संगठन टैक्स दरों में छूट की मांग कर रहे थे। बजट के नए प्रावधान कर्मचारियों को राहत देंगे। आयकर कटौती से चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी बाहर हो जाएंगे। इनकी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। इसका असर बाजार पर भी पड़ेगा। कर्मचारियों की क्रय क्षमता बढ़ेगी तो मांग बढ़ेगी। जब मांग बढ़ेगी तो उत्पादन बढ़ेगा। इससे देश को फायदा होगा। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने नौकरी पेशा वर्ग को बड़ी राहत दी है।
करदाताओं को राहत, अर्थव्यवस्था को नए वित्तीय वर्ष में मिलेगी मजबूती
आयकर में दी गई ऐतिहासिक छूट का हम स्वागत करते हैं। ईपीएस-95 पेंशनर्स के लिए कोई घोषणा नहीं हुई।
गिरीश चन्द्र मिश्र, महामंत्री, उप्र रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद
शिक्षकों और कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिली है। आर्थिक प्रगति के लिए बजट मील का पत्थर साबित होगा।
हरि शंकर राठौर, जिला कोषाध्यक्ष, उप्र. प्राथमिक शिक्षक संघ
लखनऊ, संवाददाता। केंद्रीय बजट 2025 में सभी क्षेत्र और वर्ग के लिए व्यवस्था की गई है। शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि बजट को गरीबों, युवाओं, किसानों, महिलाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल और रोजगार जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
जानकारों का मानना है कि बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए किसानों, महिलाओं और युवाओं को तकनीकी व वित्तीय सहायता का प्रावधान है। जिससे रोजगार सृजन के साथ ही गांवों से श्रमशक्ति का पलायन रुकेगा। इसके अलावा यह बजट अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेगा। वित्तीय घाटे में कमी आने की भी उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, नए टैक्स रिजीम में ही छूट दिए जाने से अब 12 लाख तक की आय वाले सभी लोगों को इसे अपनाना एक तरह से मजबूरी बन जाएगा। सरकार को पुराने टैक्स रिजीम में भी राहत देनी चाहिए।