हरदोई में गैरहाजिर चल रहे 19 शिक्षकों के खिलाफ यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के 19 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। अब इनके अभिलेखों की जांच होगी। यदि फर्जी निकले तो मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। जिले के विभिन्न विकास खंडों के खंड शिक्षा अधिकारियों ने बीएसए को पत्र भेजकर गैरहाजिर 23 शिक्षकों के बारे में जानकारी दी थी। वे लंबी अवधि से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। इस पर बीएसए विजय प्रताप सिंह ने दो से ज्यादा बार कारण बताओ नोटिस भेजा।
गायब चल रहे शिक्षकों को संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इनमें से 19 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने 31 दिसंबर को जारी अंतिम नोटिस पर भी स्पष्टीकरण नहीं प्रस्तुत किया। न ही विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। बीएसए ने बताया कि बर्खास्त किए गए शिक्षक शिक्षिकाओं की व्यक्तिगत पत्रावली की जांच होगी। पत्रावली ब्लाकों से मंगाई गई हैं। किसी भी प्रकार की विसंगति, फर्जी शैक्षिक अभिलेख मिलने पर एफआईआर लिखाने की कार्रवाई भी होगी।
ये शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं बर्खास्त
सेवा समाप्त की कार्रवाई के दायरे में आने वाले सहायकअध्यापकों में ललित कांत प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर ब्लाक टड़ियांवा, पूनम प्रावि महुआचाचर टड़ियांवा, स्वाती ओमर लखवा बावन, सुशील कुमार यूपीएस जंवर संडीला, शिप्रा श्रीवास्तव भटपुर भरावन, अरुण सिंह कौहरियापुरवा शाहाबाद, सुमन पाल कोड़रा बावन, सूक्ष्मा सिंह गोपामऊ हरियांवा, प्रीतम सिंह जैतापुर कोथावां, मो. जिलानी ढकियाकलां कोथावां, संतोष कुमार नेवाद गढ़ी कोथावां, गगनदीप सिंह झब्बूखेड़ा बेहन्दर, मनोज कुमार अग्रवाल पलियादेव टोंडरपुर, सुनील कुमार सेमरावां टोंडरपुर, शिखा श्रीवास्तव कछौना, प्रीती यादव अमिरता पिहानी, स्वाती रचना गौतम डगरहा टड़ियांवा, रश्मि श्रीवास्तव हथौड़ा बिलग्राम, रोली दयाल यूपीएस छावन भरावन शामिल हैं।
शिक्षकों की लापरवाही से पढ़ाई प्रभावित
जिले में बर्खास्त किए गए 19 शिक्षकों के कारण स्कूलों में पढ़ाई भी चौपट हुई है। इसका खामियाजा डेढ़ हजार से अधिक बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक करीब एक साल से गायब चल रहे थे। कुछ तो दूसरे शहर तक में रहने चले गए। विभागीय जिम्मेदारों का कहना है कि कागजों पर इनका नाम चलता रहा। इस कारण इनके स्थान पर कोई दूसरा शिक्षक भी नहीं भेजा गया। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती रहीं। विभागीय कार्य भी सुचारू रूप से नहीं हो सके।
अभिभावकों ने भी शिकायत दर्ज कराई अनदेखी कर दी गई। बाद में मामला शासन स्तर तक पहुंचा। जिले के अधिकारियों की नीद खुली। अब चर्चा है कि कुछ शिक्षकों के अभिलेख में भी गड़बड़ी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह का कहना है कि जांच कराएंगे कि किस स्कूल में शिक्षक कम हैं। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सभी बर्खास्त किए गए सहायक अध्यापक के अभिलेख की जांच जल्द पूरी कराई जाएगी।