विद्यालयों में एक दिक्कत यह भी आ रही है कि स्कूल स्तर पर यू-डायस में डाटा संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को नहीं है। इसके लिए आवेदन भेजा जाता है और निदेशालय स्तर पर इसमें सुधार किया जाता है। इसमें काफी समय भी लगता है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के निर्भय सिंह ने कहा कि बच्चों का नामांकन सिर्फ पहले क्लास में होता है। दूसरी व तीसरी क्लास में बच्चे का पुराना ही डाटा लिया जाता है। किसी भी तरह के संशोधन के लिए मैनुअल प्रस्ताव लिया जाता है और फिर निदेशालय इस पर कार्यवाही करता है। डाटा संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को दिया जाना चाहिए।
जन्म प्रमाणपत्र बनने में भी दिक्कत
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर कहा है कि तहसील व खंड विकास अधिकारी कार्यालय से छात्रों के जन्म प्रमाणपत्र समय से नहीं जारी हो रहे हैं। इससे अपार आईडी बनने में भी दिक्कत आ रही है। आधार कार्ड न होने से छात्रों को डीबीटी का लाभ भी नहीं मिल रहा है। बच्चों व अभिभावकों के आधार कार्ड व स्कूल डाटा में भी अंतर है। इन समस्याओं की तरफ ध्यान दिया जाए।