लखनऊः राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात ग्राम विकास अधिकारियों का जल्द ही अन्य विभागों के कार्मिकों की तरह प्रदेश के सभी जिलों में स्थानांतरण हो सकेगा। ग्राम विकास अधिकारियों के संवर्ग को भी राज्य संवर्ग घोषित करने के लिए नियमावली तैयार कर ली गई है। नई नियमावली को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखे जाने की तैयारी है। नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त 2,498 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू होगी। नई नियमावली के लागू होने पर ग्राम विकास अधिकारी भी अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की तरह प्रदेश के किसी भी जिले में स्थानांतरण पाने के हकदार हो जाएंगे। अभी तक इनका कैडर जिले स्तर का है। इनके स्थानांतरण का पूरा अधिकार जिला स्तरीय अधिकारियों के पास होता है। स्थानांतरण के नाम पर इन्हें तैनाती वाले जिले में ही एक से दूसरे ब्लाक में जाने का मौका मिलता है। विशेष परिस्थितियों में आयुक्त ग्राम्य विकास के आदेश से ही इक्का दुक्का अधिकारियों का तबादला दूसरे जिलों में हो पाता है। हालांकि इसके लिए नियमावली में कोई व्यवस्था नहीं है।
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ग्राम्य विकास विभाग के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक ग्राम विकास अधिकारियों के पद को राज्य संवर्गीय बनाने के लिए नियमावली बना ली गई है। प्रस्तावित नियमावली का विभिन्न स्तरों पर परीक्षण किया जा रहा है। मौजूदा व्यवस्था में दूसरे जिलों में – तबादले का कोई नियम नहीं होने से ग्राम विकास अधिकारियों को कई दिक्कतें होती हैं। महिला ग्राम विकास अधिकारी जिनकी नौकरी अविवाहित रहने के दौरान लग गई थी और शादी दूसरे जिले में हुई है, उनके सामने घर परिवार के साथ नहीं रह पाने की समस्या है। नई नियमावली में इस तरह की सभी दिक्कतों का समाधान किया गया है।
नई नियमावली के लागू होते ही प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त 2498 पदों पर भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वर्तमान में राज्य में ग्राम विकास अधिकारियों के कुल स्वीकृत पद 8276 के मुकाबले 5778 ग्राम विकास अधिकारी ही पूरे प्रदेश में तैनात हैं।