माध्यमिक शिक्षक संघ ने विधान परिषद के सभापति के आदेश का किया स्वागत
प्रयागराज। एडेड माध्यमिक विद्यालयों के तकरीबन चार हजार शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।
विधान परिषद के सभापति की ओर से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा-21 में वर्णित एडेड विद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों की सेवा शर्तों संबंधी सभी बिंदुओं को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधीन करने के आदेश का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने स्वागत किया है।

संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि पुरानी व्यवस्था बहाल होने से एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन के रास्ते खुल गए हैं। इसके दो अन्य फायदे भी होंगे। अब विद्यालय प्रबंधन सीधे शिक्षकों के खिलाफ निलंबन या बर्खास्तगी नहीं कर सकेगा।
वह कार्रवाई प्रस्तावित करेगा और इस पर निर्णय लेने का अधिकार शिक्षा सेवा चयन आयोग के पास होगा। इससे प्रबंधन की मनमानी और शिक्षकों के शोषण पर रोक लगेगी। दूसरा फायदा यह होगा कि प्रधानाचार्य का पद खाली होने पर वरिष्ठ शिक्षकों को पूर्व की
भांति प्रधानाचार्य के पद की जिम्मेदारी के साथ इस पद के लिए निर्धारित वेतन भी मिलेगा।
दअरसल, प्रधानाचार्य के पद पर सीधे भर्ती होती है। यह पद प्रमोशन से नहीं भरा जाता है। पूर्व में व्यवस्था थी कि प्रधानाचार्य के रिटायर होने पर वरिष्ठ शिक्षक को एडहॉक रूप में पद की जिम्मेदारी सौंप दी जाती थी और पद का वेतन भी मिलता था।
भर्ती होने के बाद शिक्षक अपने मूल पद पर वापस चले जाते थे। बीच में व्यवस्था समाप्त हो जाने से शिक्षकों को नुकसान हो रहा था, लेकिन पूर्व की व्यवस्था बहाल होने से राहत मिलेगी।