नई दिल्ली, । केंद्र सरकार सभी नागरिकों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए राज्य सरकारों को भी अपनी पेंशन योजनाओं को इस नई योजना में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। इससे सरकारी योगदान सभी राज्यों में समान रूप से बंट जाएगा। पेंशन की राशि भी बढ़ेगी और लाभार्थियों की दोहरी गिनती नहीं होगी।
बताया जा रहा है कि सरकारी विभागों द्वारा अभी इस योजना की रूपरेखा तय करने का काम हो रहा है। इसके बाद, मंत्रालय सभी संबंधित हितधारकों से चर्चा कर योजना को और बेहतर बनाने के सुझाव आमंत्रित करेगा। इसके बाद तैयार प्रस्ताव को केंद्र अपनी मंजूरी देगा। गौरतलब है कि भारत में सामाजिक सुरक्षा ज्यादातर निधि और वृद्धावस्था पेंशन पर निर्भर है। केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को स्वास्थ्य बीमा भी प्रदान
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करती है। यह नई पेंशन योजना सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में वरिष्ठ नागरिक की संख्या 2036 तक 227 मिलियन या देश की आबादी का 15 फीसदी और 2050 तक 347 मिलियन या कुल आबादी का 20 फीसदी होने की उम्मीद है जो केंद्र सरकार द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को प्रदान की जाती है।
अनुमान के मुताबिक, 2036 तक भारत में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 22.7 करोड़ हो जाएगी। यह देश की कुल आबादी का 15% हिस्सा होगा।
मौजूदा योजनाएं समायोजित की जाएंगी
प्रधानमंत्री-श्रम योगी मानधन योजना और व्यापारियों और स्वरोजगार के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना को इस नई योजना में मिलाया जा सकता है। ये दोनों योजनाएं स्वैच्छिक हैं। इनमें 60 साल के बाद हर महीने 3,000 की पेंशन मिलती है। इसके लिए अंशधारक को हर महीने 55 से 200 तक जमा करने होते हैं। यह रकम अंशधारक की उम्र पर निर्भर करती है। अंशधारक के योगदान के बराबर सरकार भी योगदान करती है। अटल पेंशन योजना को भी इस योजना में शामिल किया जा सकता है। यह योजना पीएफआरडीए के अधीन है। भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम के तहत वसूला गया सेस भी इस पेंशन योजना में इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्याज दरों पर फैसला 28 फरवरी को होगा
वित्तीय वर्ष 2024-25 की ब्याज दरों को लेकर ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 28 फरवरी को होगी। बैठक दिल्ली में ही होने की संभावना है, जिसकी जगह एक दो दिन में निर्धारित होगी। सूत्र बताते हैं कि इस बार ब्याज दरों में परिवर्तन होने की संभावना सीमित है। ईपीएफओ न्यासी बोर्ड ब्याज दरों को स्थिर रखने या फिर मामूली बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। ईपीएफओ के करीब सात करोड़ खाताधारक है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि खाते पर 8.25 फीसदी ब्याज दर तय की थी। वहीं, 2022-23 में 8.15 फीसदी और 2021-22 में 8.10 फीसदी ब्याज दर थी।