मुरादाबाद। प्राथमिक विद्यालय भोगपुर मिठौनी की कक्षा तीन की छात्रा हिमांशी को प्रधानाध्यापिका ने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उसकी दायीं आंख में दर्द शुरू हो गया। करीब एक माह बाद अब आठ वर्षीय हिमांशी को आंख से दिखना बंद हो गया। इलाज के लिए 20 दिन तक भटकने के बाद छात्रा की मां ने डीएम अनुज सिंह से शिकायत की। डीएम के निर्देश पर छात्रा का एम्स में इलाज शुरू हुआ।
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कांशीरामनगर निवासी ज्योति कश्यप ने डीएम से शिकायत करते हुए बताया कि करीब एक माह पहले प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने उनकी बेटी की स्कूल में पिटाई की थी। इसके बाद से बेटी लगातार आंख में दर्द की शिकायत कर रही थी। उसकी दायीं आंख लाल हो गई और सूजन आ गई। अब चार-पांच दिन से उसे दिखना बंद हो गया है।
छात्रा की मां ने आरोप लगाया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने इलाज में सहयोग करना तो दूर अपनी गलती भी नहीं मानी। डीएम ने शिकायत का संज्ञान लेकर स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि बच्ची का इलाज एम्स में कराया जाए। सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने दिल्ली एम्स से समन्वय कर इलाज के लिए छात्रा को भिजवा दिया। एम्स के डॉक्टरों ने छात्रा के परिजनों को बताया कि उसकी ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा है। साथ ही रेटिना भी बुरी तरह प्रभावित है।
आंख की नसों में खून का दौरान
नहीं हो पा रहा है। पहले इसे ठीक करना होगा। इसके बाद आंख की रोशनी लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। डॉक्टरों ने यहां तक कहा कि नस ठीक नहीं हुई तो रोशनी आना मुश्किल है। इस मामले की शिकायत पुलिस से भी की गई है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
बच्ची की आंख की नसों में चोट का अंदेशा है। डीएम के निर्देश पर इलाज के लिए उसे दिल्ली एम्स भिजवा दिया गया है। परिजनों से कहा है कि किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए मुझसे संपर्क कर सकते हैं। – डॉ. कुलदीप सिंह, सीएमओ
मामले की जानकारी मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है। वह दो बार विद्यालय जाकर जांच कर चुके हैं। अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – विमलेश कुमार, बीएसए
स्कूल में विद्यार्थियों को पीटने का कोई नियम नहीं है। न ही मैंने छात्रा की पिटाई की है। आरोप पूरी तरह निराधार हैं। छात्रा की मां ने विद्यालय आकर छात्रा की आंख की रोशनी जाने की बात कहकर प्रमाणपत्र बनाने को कहा था। मैंने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की बात कहते हुए प्रमाणपत्र बनाने से इन्कार किया तो उन्होंने मेरे साथ अभद्रता की। साथ ही डीएम से शिकायत करने की धमकी देकर चली गईं। गीता कराल, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय भोगपुर मिठौनी