लखनऊ। प्रदेश में राष्ट्रीय व राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का प्रावधान है। इसके तहत इस साल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सेवा विस्तार देने की कवायद शुरू हो गई है। शासन ने इस मामले में माध्यमिक शिक्षा विभाग से अभिलेखों के साथ पूरा विवरण व प्रस्ताव सात मार्च तक मांगा है।

- NCTE द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल शपथपत्र का मुख्य अंश।: Operative part of NCTE AFFIDAVIT
- एनसीटीई शपथपत्र हिंदी रूपांतरण: शिक्षकों की भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने हेतु एनसीटीई व्यवस्था की संक्षिप्त पृष्ठभूमि
- AFFIDAVIT ON BEHALF OF NCTE IN COMPLIANCE OF ORDER DATED 27.02.2025 PASSED BY THIS HON’BLE COURT:पदोन्नति में टीईटी मामले में इस एफिडेविट के सिर्फ अंतिम पैराग्राफ पढ़ कर भी समझा जा सकता है। धुंध साफ कर दी है ncte ने।
- अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण 2023-24: हाई कोर्ट केस अपडेट, मिली अगली तारीख
- फर्जी दस्तावेजों से नौकरी कर रहे 5 शिक्षक गिरफ्तारः डीएम-एसपी के निर्देश पर कार्रवाई, बीएसए ने किया था बर्खास्त
माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक 62 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। वहीं राष्ट्रीय व राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को तीन साल का सेवा विस्तार दिया जाता है।
शासन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से मांगी जानकारी
इस तरह वे 65 साल में सेवानिवृत्त होंगे। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों के बारे में जानकारी मांगी है।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व डीआईओएस को पत्र भेजकर कहा है कि राष्ट्रीय, राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए