दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने के लिए भाजपा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला समृद्धि योजना को मंजूरी दे दी। सचिवालय में शनिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद के लिए 5100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया। योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति भी गठित की गई है।

कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य दिल्ली की गरीब महिलाओं को हर महीने वित्तीय सहायता देकर उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता देने के उद्देश्य से ऐतिहासिक निर्णय में सरकार ने महिला समृद्धि योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह योजना चुनावों के दौरान भाजपा के संकल्प पत्र की प्रतिबद्धता को पूरा करती है।
पारदर्शिता के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा योजना कब से लागू होगी। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। लाभार्थियों को प्रमाणित करने के लिए आधार आधारित ई-केवाईसी सत्यापन का इस्तेमाल किया जाएगा।
सही महिलाओं तक मदद पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से यह सुनिश्चित होगा कि वित्तीय सहायता केवल उन लोगों तक पहुंचे, जो पात्र हैं। उन्होंने कहा कि किसी तरह का दुरुपयोग रोकने के लिए मजबूत डिजिटल भुगतान तंत्र लागू किया जाएगा। इससे प्रक्रिया सुरक्षित, परेशानी मुक्त और सभी लाभार्थियों के लिए आसानी से सुलभ होगी।
भाजपा की गारंटी झूठी निकली आतिशी
आम आदमी पार्टी ने भाजपा की दिल्ली सरकार पर महिला दिवस पर ढाई हजार रुपये जारी करने के वादे को झूठा करार दिया। आतिशी ने कहा कि भाजपा ने पैसे डालने की सिर्फ एक कमेटी का तोहफा दिया है। ब्योरा P03
सौगात से सशक्तीकरण का प्रयास
● गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद देकर सशक्तीकरण की तैयारी
● पोर्टल बनाया जाएगा, आधार आधारित ई-केवाईसी की जाएगी
● कमेटी में मंत्री प्रवेश वर्मा, आशीष सूद और कपिल मिश्रा शामिल
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी योजना के लिए शर्तें और पात्रता तय करेगी। सूत्रों की माने तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने जो योजना के तहत जो पात्रता और शर्ते तय की थीं, उन्हें लेकर सरकार सहमत नहीं थी।