सुप्रीम कोर्ट का आदेश – हिंदी अनुवाद
मामला: रिट याचिका (सिविल) संख्या 132/2016
याचिकाकर्ता: रजनीश कुमार पांडेय और अन्य
प्रतिवादी: भारत संघ और अन्य
न्यायाधीश:
माननीय श्री जस्टिस सुधांशु धूलिया
माननीय श्री जस्टिस के. विनोद चंद्रन
दिनांक: 07 मार्च 2025
आदेश
भूमिका:
28 अक्टूबर 2021 को इस न्यायालय द्वारा पारित निर्णय और उसके पैरा 57 (रिपोर्टेड निर्णय में पैरा 72, (2021) 17 SCC 1) तथा बाद में 21 जुलाई 2022 और 12 मार्च 2024 के आदेशों के बावजूद, किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश (UT) ने विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की है।
अधिकांश राज्यों ने अब तक यह भी नहीं बताया है कि उन्हें कितने विशेष शिक्षकों की आवश्यकता है, जबकि उनके यहाँ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की संख्या उपलब्ध है।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की संख्या:
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश:
1. संविधानिक पदों की अधिसूचना:
प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को उन विशेष शिक्षकों की संख्या के संबंध में अधिसूचना जारी करनी होगी, जिनकी नियुक्ति की जानी है।
यह प्रक्रिया तीन सप्ताह में पूरी करनी होगी (28 मार्च 2025 तक)।
2. पदों का विज्ञापन:
अधिसूचना जारी होने के बाद, इन पदों को दो प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए।
इसके अलावा, शिक्षा विभाग और राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर भी विज्ञापन जारी किया जाए।
3. पात्रता और नियुक्ति:
केवल योग्य, सक्षम और पात्र शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
रीहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (RCI) का प्रमाणपत्र आवश्यक होगा।
RCI प्रमाणपत्र न होने पर नियुक्ति नहीं होगी।
4. संविदा शिक्षकों के लिए विशेष व्यवस्था:
कई राज्यों में संविदा पर शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से कुछ 20 वर्षों से अधिक समय से पढ़ा रहे हैं।
इन शिक्षकों की समीक्षा के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें होंगे:
1. राज्य विकलांगता आयुक्त (RPwD अधिनियम, 2016 की धारा 79 के तहत नियुक्त)
2. राज्य शिक्षा सचिव
3. RCI का नामित विशेषज्ञ
5. संविदा शिक्षकों का वेतन और अनुभव:
योग्य संविदा शिक्षकों को विशेष शिक्षक के वेतनमान में रखा जाएगा।
उनके पिछले अनुभव को ध्यान में रखा जाएगा।
RCI प्रमाणपत्र अनिवार्य रहेगा।
स्क्रीनिंग कमेटी आवश्यकतानुसार आयु सीमा में छूट देने पर भी विचार कर सकती है।
6. समयसीमा:
सभी प्रक्रियाएँ 12 सप्ताह में पूरी करनी होंगी (28 मई 2025 तक)।
वेतन वृद्धि केवल भविष्य में लागू होगी, पिछली सेवा के लिए नहीं।
7. राज्यों की विशेष स्थिति:
सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर ने लॉजिस्टिक समस्याओं का हवाला दिया है।
लेकिन उन्हें भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करनी होगी, बशर्ते कि योग्य शिक्षक उपलब्ध हों।
अगली सुनवाई:
इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को होगी।
(हस्ताक्षर)
(निर्मला नेगी, सहायक रजिस्ट्रार-कम-पीएस)
(रेणु बाला गंभीर, सहायक रजिस्ट्रार)
संक्षिप्त सारांश:
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षकों की भर्ती करने का आदेश दिया है। यह भर्ती RCI प्रमाणपत्र धारकों के लिए होगी, और संविदा शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। सभी राज्यों को 12 सप्ताह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को होगी।
CWSN – child with special needs & their teacher (special B.Ed, special D.Ed. certified by RCI rehabilitation council of India)

मेरी इस पोस्ट को ध्यान से पढ़िए और पूरे भारत में forward कीजिए।
ऐसे लोग जो दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देते हैं और RCI से certified हैं (जैसे normal teachers NCTE से certified होते हैं), ऐसे शिक्षकों के लिए बारह सप्ताह में vacant posts को भरने का आदेश हुआ है। पूरे भारत में दस लाख vacant posts हैं (उत्तर प्रदेश में केवल चार लाख बाईस हज़ार पोस्ट्स vacant हैं और केवल ऐसे दो हज़ार शिक्षक हैं) । ऐसे शिक्षक सम्पर्क कीजिए अगर आप समस्त norms & conditions को justify करते हैं तो आपके लिए ये अवसर है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अंश संलग्न कर रहा हूँ
हिमांशु राणा
9927035996
please disseminate this post
#rana









