सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों से विशेष जरूरत वाले बच्चों को संविदा या दैनिक आधार पर पढ़ा रहे विशेष शिक्षकों को अधिसूचित पद के अनुसार वेतन-भत्ता देने का आदेश दिया। साथ ही राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
शीर्ष कोर्ट ने आदेश में विशेष जरूरत वाले बच्चों की संख्या के आधार पर विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने आदेश में कहा, सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश तीन हफ्ते के भीतर विशेष जरूरत वाले बच्चों को समुचित शिक्षा देने के लिए स्वीकृत पदों की संख्या के साथ अधिसूचना जारी करेंगे।

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अदालत ने पदों को स्वीकृत और अधिसूचित किए जाने के बाद 28 मार्च, 2025 तक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने प्राथमिक विद्यालय के लिए 1:10 और मध्य एवं माध्यमिक विद्यालय के लिए 1:15 शिक्षक-छात्र के अनुपात में विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।
राज्यों को फटकार : शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को फटकार लगाई। पीठ ने कहा कि इस अदालत के 2021 को पारित फैसले और समय-समय पर दिए गए निर्देशों के बाद भी सरकारों ने समुचित कदम नहीं उठाया। जब राज्यों को विशेष जरूरत वाले बच्चों की संख्या के बारे में जानकारी है, तो उसे पहले ही इस पर काम कर लेना चाहिए था।