लखनऊ, । प्राइमरी स्कूलों में कक्षा चार से आठ के बच्चों को सत्र के पहले दिन से किताबें मिलेंगी। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बीआरसी केंद्रों में किताबों की खेप पहुंचा दी गई है। स्कूलों से छात्र संख्या का ब्योरा मांगा गया है। अगले हफ्ते स्कूलों में किताबें पहुंचनी शुरू हो जाएंगी। प्राइमरी स्कूलों में एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। जबकि कक्षा एक से तीन के बच्चों को 15 अप्रैल के बाद किताबें मिलेंगी।

- ……..तो क्या अब भी मई-जून की तपती दोपहरी और आग उगलती लू में खुलेंगे यूपी के स्कूल? शिक्षक बोले- भीषण गर्मी में बीमार हो जाएंगे बच्चे
- सभी कोटि के शिक्षकों के वेतन भुगतान के पश्चात् ही जिला स्तरीय पदाधिकारियों/कर्मियों के वेतन भुगतान करने का आदेश
- Bihar news : स्कूल ट्रांसफर हुआ पोस्टिंग अपडेट
- UPSC 2026 कैलेंडर जारी ,UPSC CSE 2026 प्रीलिम्स परीक्षा 24 मई 2026 को होगी
- अनुपस्थित रहने पर दो सहायक अध्यापकों और सात शिक्षामित्रों का वेतन रोका
लखनऊ में 1618 प्राइमरी स्कूलों में करीब पौने दो लाख बच्चे पंजीकृत हैं। 15 लाख से अधिक किताबें और कार्य पुस्तिकाएं बच्चों को वितरित की जानी हैं। विभाग छपाई करा चुका है। स्कूल महानिदेशक ने निर्देश दिये हैं कि बच्चों को पहले दिन से ही किताबें मुहैया करायी जाएं ताकि स्कूल खुलने के पहले दिन से बच्चों के बैग में किताबें हों। बीएसए कार्यालय से ब्लॉक वार बच्चों की संख्या के अनुपात में बीआरसी केन्द्रों को किताबें भेजी जा चुकी हैं। किताबों के वितरण को लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये जा चुके हैं। स्कूलों से छात्र संख्या मांगी गई है।
प्राइमरी स्कूल के कक्षा एक से तीन के बच्चों को सत्र के पहले दिन किताबें नहीं मिल पाएंगी। इन तीनों कक्षाओं के बच्चों को एनसीईआरटी की किताबें दी जानी हैं। अभी यह किताबें छपी नहीं हैं। अधिकारियों का दावा है कि अप्रैल में किताब मिल जाएंगी। कक्षा एक में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिये 15 अप्रैल तक विद्या प्रवेश या स्कूल रेडीनेस के तहत गतिविधियां होती हैं।
हर जिले को मुहैया करा दी गई हैं किताबें
पाठ्य पुस्तक अधिकारी माधव जी तिवारी का कहना है कि कक्षा चार से आठ की किताबें बच्चों की संख्या के मुताबिक हर जिले को मुहैया करा दी गई हैं। बीएसए को निर्देश दिये गए हैं कि सत्र शुरू होने से पहले किताबें स्कूलों में पहुंचा दें। ताकि छात्रों को पहले दिन किताबें दी जा सकें। पहली से तीसरी कक्षा की किताबों में कुछ वक्त लगेगा। कक्षा एक के बच्चों के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम के तहत गतिविधियां संचालित की जाएंगी। उसके बाद किताब पहुंच जाएंगी।