। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पारदर्शी और दागरहित भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से 8.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देकर बड़ा मुकाम हासिल किया है। यूपी में अभी तक किसी भी सरकार ने इतने समय में इतनी संख्या में युवाओं को नौकरियां नहीं दी थीं। प्रदेश में युवाओं को इतनी संख्या में नौकरी मिलने की वजह से बेरोजगारी दर वर्ष 2016 में जहां 18 फीसदी थी, वह मात्र तीन प्रतिशत रह गई है। आउटसोर्स पर नौकरी करने वाले का अब भविष्य संवारने की तैयारी है। इसके लिए नया भर्ती सेवा निगम बनाया जा रहा है।

- बदायूं जिले में 50 से कम नामांकन वाले स्कूलों की सूचना मांगी गई👆🏻वहीं मथुरा में 20 से कम नामांकन की सूचना मांगी गई है। , देखें
- परिषदीय विद्यालयों का 30 जून तक के लिए समय परिवर्तन के संबंध में आदेश जारी , देखे कितने बजे तक का हुआ स्कूल
- अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से युग्मन (PAIRING) के संबंध में , सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया , देखें 👇
- सभी बीएसए/बीईओ, स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है.. कृपया सुनिश्चित करें कि शिक्षक निम्नलिखित कार्य करें और निगरानी करें
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युवाओं के लिए खुले रोजगार के द्वार : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पिछले आठ सालों में करीब 95 फीसदी अभ्यर्थियों का चयन करते हुए पारदर्शी भर्ती व्यवस्था का उदाहरण पेश किया है। यूपीपीएससी ने 1 अप्रैल 2017 से 20 मार्च 2025 तक 48593 अभ्यर्थियों को नौकरी दी। सबसे अधिक चयन 2019-20 में 13893 रहा। आउटसोर्स पर कर्मियों को रखने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाने की तैयारी है। मानदेय योग्यता के हिसाब से तय किया जा रहा है। श्रेणी एक के लिए 25000, श्रेणी दो 21500, श्रेणी तीन 18500 और श्रेणी चार का मानदेय 15000 रुपये होगा