लखनऊ। कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन न बढ़ाने से देशभर के पेंशनरों में नाराजगी बढ़ रही है। मंगलवार को पेंशनरों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के गोमतीनगर स्थित कार्यालय पर प्रदर्शन किया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वे देशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

- बदायूं जिले में 50 से कम नामांकन वाले स्कूलों की सूचना मांगी गई👆🏻वहीं मथुरा में 20 से कम नामांकन की सूचना मांगी गई है। , देखें
- परिषदीय विद्यालयों का 30 जून तक के लिए समय परिवर्तन के संबंध में आदेश जारी , देखे कितने बजे तक का हुआ स्कूल
- अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से युग्मन (PAIRING) के संबंध में , सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया , देखें 👇
- सभी बीएसए/बीईओ, स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है.. कृपया सुनिश्चित करें कि शिक्षक निम्नलिखित कार्य करें और निगरानी करें
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सभा में राष्ट्रीय सचिव राजीव भटनागर ने कहा कि एक तरफ सांसदों-विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन में मनचाही वृद्धि करने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एकमत है। वहीं ईपीएस-95 पेंशनर आठ साल से न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये
पेंशनरों ने ईपीएफओ कार्यालय पर किया प्रदर्शन। -संगठन
महीना, महंगाई भत्ता और मुफ्त चिकित्सा सुविधा की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। प्रांतीय महामंत्री राजशेखर नागर ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं, किंतु कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
सभा के बाद पेंशनरों ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया के नाम
संबोधित ज्ञापन सहायक आयुक्त विजय वर्मा को दिया। उन्हें पेंशनरों की समस्याओं से अवगत कराया। प्रदर्शन में आरएन द्विवेदी, संगठन मंत्री पीके श्रीवास्तव, केएस तिवारी, मुख्य समन्वयक उमाकांत सिंह बिसेन, सुभाष चौबे, दिलीप पांडेय, नासिर अली, जय राम वर्मा, हरिशंकर गुप्ता आदि उपस्थित थे। ब्यूरो