लखनऊ। प्रदेश में भवन निर्माण कराने वालों के लिए राहत वाली खबर है। मकान, दुकान, काम्प्लेक्स व शोरूम बनवाने वालों को बड़ी सहूलियत मिलने जा रही है। आवासीय भूखण्डों में भी लोग मकान-दुकान बना सकेंगे। फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) ढाई से पांच कर दिए जाने से शहर में गगनचुम्बी इमारतों के निर्माण का रास्ता भी साफ हुआ है। मकान निर्माण के लिए ग्राउण्ड कवरेज की बाध्यता भी खत्म करने का प्रस्ताव है। लोग अपने पूरे प्लाट पर मकान बना सकेंगे। केवल सेटबैक ही छोड़ना होगा।
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बंद होगी इंजीनियरों की वसूली: लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी प्रथमेश कुमार की अध्यक्षता वाली प्रदेश स्तरीय कमेटी ने नए बिल्डिंग बाइलाज को मंजूरी दे दी है। शासन जल्दी ही इस पर आपत्ति व सुझाव लेकर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा। जिन नियमों का हवाला देकर प्राधिकरणों के इंजीनियर भवन व बिल्डिंग बनवाने वालों को परेशान करते थे, उनमें से 90%नियमों को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह नए नियम प्रस्तावित किए गए हैं। नए नियमों के लागू होने के बाद शहर की अधिसंख्य बिल्डिंग वैध हो जाएंगी।

प्रमुख सचिव ने एलडीए में चार दिन बैठकर तैयार कराया बाइलाज: नए बिल्डिंग बाइलाज को अंतिम रूप देने के लिए पिछले चार दिन से लगातार प्रमुख सचिव आवास पी. गुरुप्रसाद एलडीए कार्यालय में बैठे रहे। वैसे इसे विशेषज्ञों की टीम कई महीने से तैयार कर रही थी। प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद ने एलडीए वीसी के साथ बैठकर एक-एक बातें समझीं। अपने सुझाव दिए। इसके बाद बाइलाज को अंतिम रूप दिया गया। अब शासन इसे आपत्ति सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में डालेगा। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक एक महीने में बाइलाज की कैबिनेट मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
मनमाफिक बना सकेंगे मकान: मकान निर्माण के लिए पुराने बिल्डिंग बाइलाज के कई नियमों से भवन स्वामियों का शोषण होता था। सबसे बड़ी दिक्कत ग्राउण्ड कवरेज को लेकर होती थी। पहले भूस्वामी 200 वर्गमीटर में मकान का नक्शा पास कराने के लिए केवल 65% ग्राउण्ड कवरेज कर सकता था यानी कुल जमीन में 130 वर्गमीटर में ही निर्माण होता था। 35% यानी 70 वर्गमीटर जमीन उसे खुली छोड़नी पड़ती थी। आगे पीछे तीन-तीन मीटर सेटबैक छोड़ना पड़ता था। प्रस्तावित नए बाइलाज में इसे खत्म कर दिया गया है। अब 50 वर्गमीटर के भूखण्ड में केवल एक मीटर, 50 से अधिक व 100 मीटर तक 1.50 मीटर, 100 से 150 वर्गमीटर तक दो मीटर तथा 150 से 300 वर्गमीटर तक के भूखण्ड में केवल सामने तीन मीटर का ही सेटबैक छोड़ना होगा। बाकी ग्राउण्ड कवरेज 100% कर सकेंगे। सेटबैक के अलावा पूरी जमीन पर निर्माण हो सकेगा।