पीलीभीत में एक शिक्षिका, जिसने फर्जी बीएड मार्कशीट और प्रमाणपत्र का उपयोग करके नौकरी हासिल की थी, को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव की अदालत ने सात साल की जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही शिक्षिका पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला न्यायालय ने शनिवार को सुनाया।

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देवदत्त शर्मा जनता इंटर कॉलेज बरखेड़ा के प्रधानाचार्य दयाराम ने अगस्त 2022 में थाने में एक शिकायत दर्ज की थी। उनकी शिकायत के अनुसार, वर्ष 2015 में क्षमा गुप्ता, जो ग्राम सुभाषनगर, कस्बा व थाना सौरिख, तहसील छिबरामऊ, जिला कन्नौज की निवासी हैं, ने सहायक अध्यापक (हिंदी) के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी। शिक्षिका ने महात्मा गांधी विद्यापीठ वाराणसी से प्राप्त बीएड की मार्कशीट और प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे। हालांकि, जब 2017 में इन दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया, तो महात्मा गांधी विद्यापीठ वाराणसी ने बताया कि उनके रिकॉर्ड में वह अनुक्रमांक दर्ज नहीं है।
इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई। पुलिस ने मामले में जांच शुरू की, विवेचना पूरी की और फिर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की दलीलों और बहस सुनने के बाद न्यायालय ने शिक्षिका क्षमा गुप्ता को सात साल की कारावास की सजा सुनाई