लखनऊ: परिषदीय स्कूलों के श्रेष्ठ शिक्षकों को एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के रूप में चयनित किया जा रहा है। प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच यानी कुल 4,130 एआरपी के चयन की प्रक्रिया गुरुवार तक पूरी होगी। अब बीते तीन वर्षों या उससे अधिक समय से इस पद पर जमे शिक्षकों को हटाकर नए अध्यापकों का अवसर दिया जा रहा है। फिलहाल अब हर वर्ष इनके कार्यों का मूल्यांकन कर ही कार्यकाल को बढ़ाया जाएगा। प्रत्येक एआरपी को 10-10 विद्यालयों को निपुण बनाना होगा।

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प्रदेश भर में 31 मार्च को सभी एआरपी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब शिक्षकों की परीक्षा व इंटरव्यू लेकर उन्हें एआरपी के पद पर चयनित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है, जो गुरुवार को पूरी होगी। फिलहाल योग्य एआरपी न मिल पाने के कारण चयन की तिथि को बढ़ाना पड़ा। यह एआरपी अपने-अपने ब्लाक के परिषदीय प्राथमिक व उच्च
परिषदीय स्कूलों के श्रेष्ठ शिक्षकों को एआरपी के रूप में किया जा रहा चयनित, हर वर्ष कार्यों के मूल्यांकन के बाद ही बढ़ेगा कार्यकाल
प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने में अध्यापकों की मदद करते हैं। विभागीय प्रशिक्षण कार्यक्रम और विभिन्न टीचिंग माड्यूल को बेहतर ढंग से लागू कराने में मदद करते हैं। छात्रों को भाषा व गणित में निपुण बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। ऐसे विद्यालय जहां पर 80 प्रतिशत छात्र गणित व भाषा में दक्ष हैं, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाता है।
अब एआरपी की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने-अपने ब्लाक के 10-10 विद्यालयों को निपुण बनाएंगे। तीन वर्ष इनका अधिकतम कार्यकाल होगा, लेकिन एक-एक वर्ष पर कार्यों की समीक्षा होगी। संतोषजनक कार्य न होने पर इन्हें हटा दिया जाएगा।