शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सामाजिक सहभागिता को देंगे बढ़ावा
लखनऊ। शासन की योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू कराने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में सोशल ऑडिट कराया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में 14 जिलों अंबेडकरनगर, अमेठी, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, अयोध्या, गोंडा, खीरी, रायबरेली, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सीतापुर और सुल्तानपुर के चयनित क्लस्टर सोशल ऑडिटर्स (सीएसए) को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न जिलों में कई कार्य कराए जा रहे हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों के माध्यम से सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत विश्वविद्यालयों को आवंटित जिलों में प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी होते ही सोशल ऑडिट का कार्य शुरू

कर दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 23 अप्रैल तक जिला मुख्यालयों पर आयोजित हो रहा है।
14 जिलों में चल रहे इस सोशल ऑडिट कार्यक्रम का संचालन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ के नोडल अधिकारी प्रो. एचएम आरिफ, डॉ.
आरीना व समन्वयक डॉ. वान्या की देखरेख में किया जा रहा है। हर सत्र में 20 से 60 तक प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मिल रहा है, जो 10 से 18 ब्लॉकों को कवर कर रहे हैं। अब तक 270 से अधिक सीएसए को प्रशिक्षण मिल चुका है। ब्यूरो
प्रशिक्षण का उद्देश्य योजनाओं पर नजर रखना
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यालयों में ड्रेस, पाठ्य पुस्तक वितरण, एमडीएम, पोषण आहार, बुनियादी ढांचे की सुविधा, समावेशी शिक्षा जैसी योजनाओं पर नजर रखना है। इन योजनाओं के जमीनी स्तर पर सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में सीएसए की भूमिका निर्णायक होगी। वहीं बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई बार यह कहा है कि सरकार की योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब उनका लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। आने वाले समय में यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में उभरेगा।