बरेली, । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के 58वें प्रांतीय सम्मेलन के दूसरे दिन शिक्षकों से संबंधित 14 प्रस्ताव ध्वनि मत से पास किए गए। शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, राज्य कर्मियों की भांति कैशलेस चिकित्सकीय सुविधा, विनियमितीकरण, ट्रांसफर प्रक्रिया का सरलीकरण जैसी मांगों को मजबूती से उठाया। सम्मेलन का गुरुवार को समापन होगा।

संजय कम्युनिटी हॉल में दूसरे दिन मुख्य अतिथि बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही है जो बिना किसी भेदभाव के शिक्षा देता है। विशिष्ट अतिथि जेडी राकेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। शिक्षक भी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने पर ध्यान दें। संगठन की पत्रिका चाणक्य के संपादक जितेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि जल्द ही संगठन की वेबसाइट बनाई जाएगी। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में प्रदेश उपाध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह, श्रीनारायण दुबे, गिरेंद्र कुशवाहा, महेश चंद्र शर्मा, नरसिंह बहादुर सिंह, सुलेखा जैन, प्रदेश मंत्री डॉ. संजय द्विवेदी ने 14 प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
प्रस्तावों के समर्थन में प्रदेश के 75 जनपदों के जिलाध्यक्षों व मंत्रियों से विचार मांगे गए। सभी प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। सदन की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने किया। प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध ने कहा, सरकार को इन मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा। यदि सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो संगठन संघर्ष के लिए बाध्य होगा। संरक्षक राज बहादुर सिंह चंदेल, वहिदुल्लाह शहीदी, पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, रजनीश चौहान, महेश चंद्र शर्मा,जिला अध्यक्ष श्याम नारायण, जिला मंत्री प्रदीप पटेल, ब्रजेश कुमार दीक्षित, राम कुमार कोली, मोना शर्मा, वाणी पाराशरी,प्रवल तिवारी, अनिल प्रजापति, बृजेश, प्रतिभा शर्मा, विजय यादव आदि मौजूद रहे।
ये प्रस्ताव हुए पारित
● केंद्र व राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल करें।
● शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को चयन बोर्ड 1982 की धारा 12,धारा 18 व धारा 21 को ज्यों का त्यों उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में प्रतिस्थापित किया जाए। शिक्षा सेवा चयन आयोग की धारा 11(6) को समाप्त न करके संशोधित किया जाय।
●उत्तर प्रदेश सरकार तदर्थ शिक्षकों के संदर्भ में विनोद कुमार श्रीवास्तव व अन्य में पारित आदेश को संज्ञान में लेते हुए शासनादेश जारी करे।
● माध्यमिक शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करते कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए।
● इंटर शिक्षा अधिनियम की धारा 7 (4) की परिधि में आने के बाद शिक्षकों, सेवा नियमावली बनाकर पूर्णकालिक शिक्षक/ कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। सम्मानजनक मानदेय-वेतन की व्यवस्था जो खाते में भेजा जाए।
● माध्यमिक शिक्षा परिषद में मान्यता प्राप्त मा. विद्यालयों की प्रभावी भूमिका को इंटर शिक्षा संशोधन अधिनियम 2007 में संशोधन कर अधिनियम 1977 धारा 3 ग के तहत पुनर्गठन परिषद के स्वायत्तशासी स्वरूप को बहाल किया जाए।
● आमेलित विषय विशेषज्ञ को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
● यूपी सरकार ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया में सरलीकरण करते हए स्थानान्तरण नीति को लागू करे।
●कम्प्यूटर अनुदेशक व व्यवसायिक शिक्षा योजना तहत अतिथि विषय विशेषज्ञों के लिए पद सृजन करेंय।
● शिक्षकों के चयन व प्रोन्नत वेतनमान स्वतः देयता सुनिश्चित की जाए।
● महिला शिक्षकों की निजता की समुचित व्यवस्था की जाए।
● स्वीकृत राशि की पुनर्स्थापना 15 वर्ष के बजाय 12 वर्ष में की जाए। कंप्यूटेशन अवधि 12 वर्ष कर दी जाए।
● पेंशनर को 70 वर्ष से ही अतिरिक्त पेंशन की सुविधा प्रदान की जाए।
● आठवें वेतन आयोग के गठन के उपरांत उसकी सिफारिशों को नियत समय पर लागू किया जाए।