बरेली।
जिले में चल रही अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) चयन प्रक्रिया के दौरान एक चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। बच्चों को शिक्षित करने वाले 20 शिक्षक माइक्रो टीचिंग परीक्षण में असफल हो गए। सोशल मीडिया पर इस विफलता को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इनके विद्यालयों में शिक्षा के स्तर की जांच की मांग भी उठने लगी है।
जिले में चल रही अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) चयन प्रक्रिया के दौरान एक चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। बच्चों

को शिक्षित करने वाले 20 शिक्षक माइक्रो टीचिंग परीक्षण में असफल हो गए।
सोशल मीडिया पर इस विफलता को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इनके विद्यालयों में शिक्षा के स्तर की जांच की मांग भी उठने लगी है।
विषयवार विवरण:
वर्तमान में जिले के प्रत्येक ब्लॉक में विज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेज़ी और सामाजिक विज्ञान विषयों के लिए एआरपी के पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही है। चयन प्रक्रिया के अंतर्गत लिखित परीक्षा का आयोजन शनिवार को किया गया था, जिसमें कुल 175 उम्मीदवारों में से 121 शिक्षक ही माइक्रो टीचिंग के लिए योग्य पाए गए।
मंगलवार को हुए माइक्रो टीचिंग चरण में विषय विशेषज्ञों द्वारा शिक्षकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया, जिसके परिणाम निम्नानुसार रहे:
हिंदी विषय: 5 में से 4 शिक्षक सफल रहे, 1 शिक्षक इंटरव्यू के लिए योग्य नहीं पाया गया।
अंग्रेज़ी विषय: 19 उम्मीदवारों में से 15 शिक्षक क्वालीफाई कर पाए, जबकि 4 असफल हुए।
सामाजिक विज्ञान: 21 में से 3 शिक्षक अनुपस्थित रहे, शेष सभी इंटरव्यू के लिए चयनित हुए।
गणित विषय: 29 में से 10 शिक्षक माइक्रो टीचिंग में फेल हो गए, जबकि 19 ने इंटरव्यू चरण में जगह बनाई।
विज्ञान विषय: कुल 47 शिक्षकों को बुलाया गया, जिसमें 4 अनुपस्थित रहे और 5 असफल घोषित किए गए। बाकी 38 अब इंटरव्यू में शामिल होंगे।
शिक्षकों की गुणवत्ता पर उठे सवाल
इस असफलता के बाद शैक्षणिक समुदाय में हलचल मच गई है। कई शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इन शिक्षकों के विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता की जांच की मांग उठाई है। सोशल मीडिया पर भी शिक्षकों की आलोचना करते हुए कहा जा रहा है कि जो शिक्षक स्वयं प्रदर्शन नहीं कर पा रहे, वे बच्चों को क्या सिखा पाएंगे।