नई दिल्ली, । अब गलती से या
जानबूझ कर यूपीआई भुगतान में की
जाने वाली गड़बड़ी को रोका जा
सकेगा। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन
ऑफ इंडिया ने एक नया नियम लागू
किया है जिसके तहत अब यूपीआई ऐप
को भुगतान की पुष्टि करने से पहले बैंक
द्वारा सत्यापित नाम ही दिखाना होगा।

यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने, धोखाधड़ी कम करने और ग्राहकों को सुरक्षित डिजिटल लेन-देन मुहैया कराने के लिए उठाया गया है। 30 जून से सभी यूपीआई में बैंक में पंजीकृत नाम ही दिखेगा। इस इस प्रकार समझा जा सकता है, अभी तक केवल उपनाम या छोटा नाम ही दिखाई देता था, जिसके चलते अक्सर भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती थी। नए प्रावधान के मुताबिक अब वही नाम दिखेगा, जो बैंक द्वारा सत्यापित होगा यानी मतलब असली नाम होगा। अब तक यूपीआई ऐप में क्यूआर कोड से लिया गया नाम, ग्राहक द्वारा लिखा गया उपनाम, फोन में सुरक्षित किए गए नाम या उपनाम दिखाए देते थे। इससे
गलतियों और धोखाधड़ी की गुंजाइश रहती थी क्योंकि धोखेबाज अक्सर नामों की नकल करके ग्राहकों को झांसे में डाल देते थे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के 24 अप्रैल 2025 के निर्देश के मुताबिक, अब व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति से व्यापारी दोनों तरह के लेन-देन में केवल बैंक द्वारा सत्यापित नाम ही भुगतान की पुष्टि स्क्रीन पर दिखाई देगी।
भुगतान करने वाले को सत्यापित पहचान मिलेगी
लाभार्थी वह व्यक्ति या संस्था है, जो सामान या सेवाओं के बदले पैसा प्राप्त कर रहा है। कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस का डाटा सुरक्षित एपीआई के जरिए हासिल किया जाता है, इसलिए इसे ग्राहक या ऐप द्वारा बदला नहीं जा सकता। इससे भुगतान करने वाले को एक सटीक, सत्यापित पहचान मिलेगी। कुछ यूपीआई ऐप लोगों को और विक्रेता को भुगतान ऐप में उनका नाम बदलने करने का विकल्प देते हैं। कुछ ऐप क्यूआर कोड से नाम ले लेते हैं। पहले तो ऐप उन नामों को भी दिखाते थे जो फोन में सुरक्षित होते थे।
नाम दिखने का तरीका बदलेगा, भुगतान नहीं
नए नियम से भुगतान करने का तरीका नहीं बदलेगा, सिर्फ नाम दिखने के तरीके में बदलाव आएगा। जो नाम ऐप में आएगा, वह बैंकिंग रिकॉर्ड में दर्ज नाम होगा। इससे गलत खाते में पैसे ट्रांसफर होने का खतरा कम हो जाएगा। यह भुगतान में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और लोगों को सहूलियत मिलेगी। नए नियम से शुरुआत में उन लोगों को दिक्कत आ सकती है, जिन्होंने अपना नाम ऐप में उपनाम या अपनी दुकान के नाम से डाला है। अगर सीबीएस रिकॉर्ड में नाम कुछ और है, वही अब ऐप में दिखाई देगा।