फर्जी अध्यापक बनकर ट्रांसफर के नाम पर वसूली का खेल, साइबर ठगी का नया मामला
प्रयागराज: अंतर्जनपदीय ट्रांसफर के नाम पर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। कोरांव, जनपद प्रयागराज में अजीत आर्या कथित नाम का एक व्यक्ति, जो खुद को बाराबंकी का निवासी और अध्यापक बताता है, शिक्षकों को ठगने का काम कर रहा है। यह व्यक्ति शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होकर उनसे संपर्क करता है और ट्रांसफर कराने का भरोसा देकर पैसे की मांग करता है।

ठगी का तरीका
अजीत आर्या कथित तौर पर बेसिक शिक्षकों से फोन पर संपर्क करता है और ट्रांसफर की प्रक्रिया में मदद करने का दावा करता है। वह ईएमआई के नाम पर या इमरजेंसी में पैसे की जरूरत बताकर शिक्षकों से पैसे मांगता है। पैसे लेने के बाद वह अपना मोबाइल नंबर बंद कर देता है या कॉल ब्लॉक कर देता है। कई शिक्षकों के साथ ठगी की कोशिश नाकाम होने के बाद इसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं।
सीतापुर के शिक्षक ने की शिकायत
सीतापुर के एक शिक्षक तिवारी जी ने अजीत आर्या की गतिविधियों पर शक होने पर जांच शुरू की। जब अजीत से विद्यालय और मानव संपदा कोड की जानकारी मांगी गई, तो वह टालमटोल करने लगा। इसके बाद श्री तिवारी ने इसकी शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई है। साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है और शिक्षकों से ऐसे फर्जी लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
शिक्षकों के लिए सावधानी जरूरी
यह घटना शिक्षकों के लिए एक चेतावनी है। ट्रांसफर या अन्य सुविधाओं के नाम पर पैसे मांगने वालों से सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को पैसे देने से पहले उनकी पहचान और दावों की पुष्टि करना जरूरी है। साइबर ठग अक्सर विश्वास जीतने के लिए सरकारी योजनाओं या प्रक्रियाओं का सहारा लेते हैं।
साइबर सेल की सलाह
साइबर सेल ने शिक्षकों और आम लोगों से अपील की है कि वे अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स और मैसेज पर भरोसा न करें। किसी भी प्रकार की वित्तीय लेनदेन से पहले संबंधित व्यक्ति या संस्था की प्रामाणिकता की जांच करें। अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें।
शिक्षक समुदाय से अनुरोध है कि वे ऐसे फर्जी लोगों से सावधान रहें और इस तरह की जानकारी अपने साथियों के साथ साझा करें ताकि कोई और इस ठगी का शिकार न हो।