शासन द्वारा परिषदीय स्कूल 19 मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त कराए जा रहे हैं। ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत नगर क्षेत्र में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के सहयोग से प्रत्येक स्कूल की ऊंची बाउंड्रीवाल, स्वच्छ पेयजल, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, कक्ष-कक्षाओं के टायल्स आदि लगवाए गए हैं। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा का स्तर बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है। प्रत्येक छात्र को भाषा और गणित विषय में निपुण बनाया जा रहा है। पढ़ाई में कमजोर छात्रों की लगातार निगरानी भी की जा रही है।

जिला एवं तहसील स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी स्कूलों का निरीक्षण कर लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई भी कर रही हैं। इसके बाद भी शिक्षकों पर लेट लतीफी हावी रहती है, तो कुछ शिक्षक पंजिका पर उपस्थिति लगाकर गायब हो जाते हैं। एक अप्रैल से शुरू हुए नए शैक्षिक सत्र में शिक्षकों की इस मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने आनलाइन उपस्थिति लगवाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराए हैं। कंपोजिट ग्रांट से सिम खरीदने और इसी ग्रांट से रीचार्ज कराने के निर्देश दिए हैं। अब ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद खुल रहे स्कूलों में शिक्षकों को टैबलेट से बच्चों के साथ सेल्फी लेकर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। बीएसए आशीष कुमार पांडेय ने बताया कि सभी शिक्षकों को इन निर्देशों का पालन हर हाल में करना होगा। अन्यथा की स्थिति में संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन हुए 12 प्रकार के रजिस्टर
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर के साथ मिड-डे-मील पंजिका, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, स्टॉक पंजिका, आय-व्यय एवं चेक इशू पंजिका, बैठक पंजिका, निरीक्षण, पत्र व्यवहार, बाल गणना, पुस्तकालय, खेलकूद पंजिका पर ऑफ लाइन कार्य होता था। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब शासन ने इन्हें भी डिजिटल कर दिया है। शिक्षकों को प्रत्येक दिन टैबलेट पर इनका विवरण भी अपलोड करना होगा।