नई दिल्ली : दुनियाभर में 27.2 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। यह पिछले अनुमान से दो करोड १० लाख अधिक है। यूनेस्को वैश्विक (जीईएम) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में आशंका जताई है कि 2025 अंत तक देश अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों से पिछड़ सकते हैं। हालांकि अगर सभी देश अपने लक्ष्य को पूरा कर लेते हैं, तो वे 2030 तक स्कूल न जाने वाली अपनी आबादी में 16.5 करोड़ की कमी ला सकेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि के दो कारण हैं। पहला, नए नामांकन और उपस्थिति के डाटा में कमी। 2021 में अफगानिस्तान में माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों के जाने पर प्रतिबंध भी वृद्धि का कारण है। स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि का दूसरा कारण संयुक्त राष्ट्र के अद्यतन जनसंख्या अनुमान में बढ़ोतरी है जिससे ऐसे बच्चों की संख्या करोड़ बढ़ गई है। संघर्षों के कारण स्कूल न जाने
वैश्विक शिक्षा निगरानी टीम ने अपनी रिपोर्ट में जताया अनुमान 2025 अंत तक अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों से पिछड़ सकते हैं देश
वाले बच्चों की संख्या को संभवतः कम करके आंका गया हो क्योंकि संघर्षों के कारण आंकड़े एकत्र करने में बाधा उत्पन्न होती है। कुल मिलाकर, प्राथमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के लगभग 11 प्रतिशत बच्चे (7.8 करोड़), निम्न माध्यमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के 15 प्रतिशत बच्चे (6.4 करोड़) तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय जाने योग्य आयु वर्ग के 31 प्रतिशत किशोर (13 करोड़) स्कूल नहीं जा पा रहे हैं