उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच बंद होने के मामले में प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि केंद्रीय जांच एजेंसी को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

आयोग के खिलाफ आंदोलन करने वाले और प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद पांच मई 2018 को पीसीएस 2015 तथा चार अगस्त 2021 को अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में लोक सेवा आयोग के अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
सीबीआई ने सितंबर 2021 में पत्र लिखकर एपीएस भर्ती घोटाले में संलिप्त लोक सेवा आयोग के तीन अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की अनुमति आयोग अध्यक्ष से मांगी थी लेकिन चार साल बीतने के बावजूद सीबीआई को अनुमति नहीं दी गई है। इसी तरह सीबीआई ने कई बार आयोग से दोनों भर्ती परीक्षाओं से जुड़े अभिलेख मांगे लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं कराए गए। सीबीआई अब तक शासन और आयोग को 15 से अधिक पत्र लिख चुकी है लेकिन उसे ना तो मुकदमा दर्ज करने के अनुमति दी जा रही है और ना भर्ती परीक्षा से जुड़े अभिलेख दिए जा रहे हैं। अवनीश पांडेय ने मांग की है कि सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी जाए और सचिवालय प्रशासन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई जांच पूरी होने तक भर्ती घोटाले से नौकरी पाने वाले अपर निजी सचिवों को दिए जा रहे प्रमोशन को रोका जाए।