केंद्र सरकार ने देशभर में साइबर ठगी, बैंक फर्जीवाड़े और ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल किए जा रहे करीब 27 लाख मोबाइल फोन को बीते 15 महीने में बंद किया है। इन मोबाइल उपकरण से एसएमएस, व्हाट्सऐप और फोन कॉल के जरिए आर्थिक फर्जीवाड़ा और अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।

केंद्रीय दूरसंचार विभाग के चक्षु पोर्टल पर आई शिकायतों के आधार पर जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के के आंकड़ों से पता चलता है पूर्वी उत्तर प्रदेश सर्किल से जुड़े मोबाइल उपकरणों से फर्जीवाड़े और ब्लैकमेलिंग के सबसे ज्यादा प्रयास किए गए। गौरतलब है कि मार्च 2024 में विभाग की तरफ से चक्षु पोर्टल लॉन्च किया गया था। साइबर अपराध और फर्जीवाड़े की लगातार बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर विभाग ने इस पोर्टल को शुरू करने का फैसला लिया था।
इसके जरिए आम लोगों को यह सुविधा दी गई कि वह उन मोबाइल नंबरों की शिकायत कर सकते हैं, जिनके जरिए उन्हें फर्जीवाड़े या ब्लैकमेलिंग के लिए कॉल, एसएमएस या व्हाट्सऐप किए जा रहे हैं। पोर्टल के जरिए देशभर से शिकायतें प्राप्त हुई, जिनके आधार पर उन नंबरों की जांच की गई। आंकड़ों से पता चला है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से जुड़े मोबाइलों से सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े और ब्लैकमेलिंग का प्रयास किया गया।
ईएमईआई नंबर ब्लॉक ताकि दोबारा फोन इस्तेमाल न हो
जा्ंच में पाया गया कि जिन मोबाइल पर इन नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उन पर लगातार सिम कार्ड बदलकर साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। नंबर बंद होने के बाद यह मोबाइल फोन दूसरे नंबरों के जरिए संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहे। विस्तृत जांच के बाद सभी मोबाइल को बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि इन सभी मोबाइल की ईएमईआई नंबर को ब्लॉक किया गया, जिससे कि इनका दोबारा से इस्तेमाल न किया जा सके।
दोबारा सत्यापन के बाद 78 लाख नंबर हटाए गए
साइबर अपराध को रोकने के लिए विभाग ने 134 करोड़ मोबाइल नंबर का दोबारा से सत्यापन कराया। इसके लिए उन नंबरों को चिन्हित किया गया, जिनका इस्तेमाल सिम जारीकर्ता के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। ऐसे मोबाइल नंबर के दोबारा से केवाईसी कराने के लिए कहा गया। इस प्रक्रिया के बाद 78 लाख मोबाइल नंबरों को बंद कर दिया गया। वहीं, देश भर में सिम कार्ड बेचे वाले 71 हजार केंद्रों को ब्लैकलिस्ट किया गया।