हाईकोर्ट ने पिछले महीने 13 जुलाई को शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न लेने का निर्देश दिया। संबंधित प्राधिकारी को सभी जिलाधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर इस नियम का अनुपालन कराने को कहा, लेकिन कोर्ट का निर्देश प्रयागराज में ही दरकिनार कर दिया गया .
बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण तिवारी ने जिलाधिकारी के आदेश पर सोमवार को पत्र जारी कर 5 अगस्त से शुरू हो रहे अन्न महोत्सव में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को उनके विकास खंड का नोडल अधिकारी नामित किया है। महोत्सव में राशन बंटवाने के लिए सस्ते गल्ले की दुकान पर नोडल शिक्षक नामित किए गए हैं।
खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी देखरेख में प्रत्येक सरकारी दुकान पर नामित नोडल शिक्षक की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं और किसी की अनुपस्थिति/अपरिहार्य स्थिति को देखते हुए विकास खंड स्तर पर न्यूनतम 30 अध्यापक रिजर्व के रूप में रखें, ताकि आवश्यकता के अनुसार कर्मचारियों की पूर्ति की जा सके।
आरटीई के तहत सिर्फ तीन काम ले सकते हैं
शिक्षकों से आरटीई के तहत सिर्फ तीन काम लिया जा सकता है। उनसे हर दस साल पर होने वाली जनगणना, आपदा राहत कर्तव्य अथवा लोकसभा, विधानसभा या स्थानीय निकाय चुनाव में ही ड्यूटी कराई जा सकती है। लेकिन हकीकत में शिक्षकों को मिड-डे-मील से लेकर किताब बंटवाने, स्कूल का रखरखाव व मरम्मत समेत दर्जनों गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं।
इनका कहना है
शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य न लेने की व्यवस्था नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून में है। पिछले महीने कोर्ट ने भी यही आदेश दिया। बीएसए को कोर्ट के आदेश का मान रखना चाहिए। ये स्थिति स्वीकार्य नहीं है।
-देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ
शिक्षकों की ड्यूटी कार्यक्रम के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए लगाई गई है। शिक्षकों का सम्मान सर्वोपरि है।
- प्रवीण तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी