दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अब देशभक्ति पाठयक्रम भी पढ़ाया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को देशभक्ति पाठयक्रम को मंजूरी दे दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पिछले 70 सालों में सारे विषय पढ़ाए, लेकिन देशभक्ति नहीं पढ़ाई। अब दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति की पढ़ाई होगी। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम ‘देश प्रेम’ के मूल्यों को दैनिक जीवन के साथ जोड़ना चाहते हैं, यही देशभक्ति पाठ्यक्रम का सार है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या से देशभक्ति दिल्ली सरकार के स्कूलों में टीचिंग-लर्निंग का मूल आधार बनेगी।
शनिवार को शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने शिक्षा निदेशालय व एससीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षकों की टीम के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दो साल पहले जब हमने शुरुआत की थी, तो तब पता नहीं था यह कैसा होगा और कैसे होगा? यह डायनेमिक और रिवॉल्विंग प्रक्रिया है। इसके पायलट प्रोजेक्ट के समय हमने काफी सीखा है और समय के साथ आगे भी सीखेंगे और लगातार इसमें सुधार करते रहेंगे।
देशभक्ति पाठयक्रम के तीन लक्ष्य:
1. छात्रों में अपने देश के प्रति गर्व की भावना पैदा करना।
2. देश के प्रति जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
3. देश के लिए बलिदान देने की प्रतिबद्धता।
देशभक्ति करिकुलम कमिटी ने पिछले दो सालों में टीचर्स, स्टूडेंट्स, पैरेंट्स, एजुकेटर्स, सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशंस के साथ विस्तृत चर्चा और परामर्श के बाद करिकुलम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसे 6 अगस्त 2021 को एससीईआरटी की गवर्निंग काउंसिल द्वारा मंजूरी दी गई। एससीईआरटी दिल्ली के निदेशक ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देशभक्ति करिकुलम फ्रेमवर्क की एक प्रति भेंट की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक, शिक्षा सलाहकार सहित दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक मौजूद रहे, जिन्हें देशभक्ति करिकुलम को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। टीम ने मुख्यमंत्री के समक्ष देशभक्ति पाठ्यक्रम ढांचे की मुख्य विशेषताओं को प्रस्तुत किया और इसके कार्यान्वयन योजना पर चर्चा की।
देशभक्ति पाठयक्रम की तीन थीम हैं:
1. नॉलेज- संवैधानिक मूल्यों, देश की अखंडता और विविधता, स्वतंत्रता संग्राम, देश की उपलब्धियां, सामाजिक समस्याओं आदि का ज्ञान
2.वैल्यू – ईमानदारी, अखंडता, नम्रता, सहानुभूति, देश के प्रति प्रेम और सम्मान, करुणा, बलिदान, आदि।
3.व्यवहार- अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना, साइंटिफिक माइंडसेट एंड रीजिनिंग, नागरिक के रूप में जिम्मेदारियां आदि।
देशभक्ति करिकुलम को टीचर और स्टूडेंट्स के बीच क्लासरूम डिस्कशन, स्टूडेंट्स के बीच डिस्कशन, क्लासरूम एक्टिविटी के रूप में ग्रुप वर्क, परिवार और सोसाइटी के साथ जुड़ने के लिए होमवर्क और स्वःचिंतन (सेल्फ- रिफ्लेक्शन) जैसे 5 बाल-केन्द्रित और क्रिटिकल पैडागोजिकल प्रोसेस द्वारा पढ़ाया जाएगा। इस करिकुलम के माध्यम से 8 लर्निंग आउटकम को प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी- इसमें सेल्फ-अवेयरनेस, सेल्फ-कॉन्फिडेंस, प्रोव्लेम सोल्विंग, संवैधानिक मूल्यों की समझ, बहुलवाद और विविधता, पर्यावरणीय स्थिरता, नैतिक सामाजिक व्यवहार, सहयोग और सामाजिक व नागरिक जिम्मेदारी शामिल है। देशभक्ति करिकुलम में मूल्यांकन के लिए विद्यार्थियों के स्व-मूल्यांकन (सेल्फ-अस्सेस्मेंट), सहकर्मी मूल्यांकन (पीयर-अस्सेस्मेंट) और टीचर्स द्वारा मूल्यांकन के तरीकों को अपनाया जाएगा। विद्यार्थियों के बीच देशभक्ति के मूल्यों, व्यवहारों और कार्यों के विकास को देखने के लिए सतत मूल्यांकन पर बल दिया जाएगा।