वाराणसी: पैरों में चप्पल, पीठ पर फटा हुआ बस्ता और फटे पुराने कपड़े पहने बच्चे स्कूल पहुंचने को विवश हैं। शासन की ओर से स्कूलों को स्मार्ट बनाने की कवायद के बीच काशी के स्कूलों का हाल-बेहाल है। यहां पर बच्चों को स्कूलों में खुद ही सफाई करनी पड़ रही है। बच्चे भी पूछ रहे हैं आखिर हम कब तक स्मार्ट बनेंगे।
अधिकारियों की लापरवाही से कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था नहीं है तो कई जगहों पर पीने साफ पानी की किल्लत है। अब तक बच्चों को न कॉपी-किताब मिल पाई है, न ही ड्रेस का वितरण हो पाया है। स्मार्ट क्लास के लिए डेढ़ लाख की लागत से लगे प्रोजेक्टर विभाग की लापरवाही से सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं।
बीएसए राकेश सिंह ने कहा कि विद्यालय में बच्चों से काम कराया जा रहा है। इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो यह गलत है। विद्यालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था कराई जाएगी। शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में पूरा प्रयास किया जाएगा।
बच्चे पोंछ रहे कुर्सी, उठा रहे कूड़ादान
प्राथमिक विद्यालय पिसनहरिया-प्रथम में कक्षाओं में झाडू़, पोछा और डेस्क-बेंच साफ करने की जिम्मेदारी बच्चों के कंधों पर ही है। शिक्षक के कक्षा में आने के पहले बच्चे उनकी कुर्सी और अपने डेस्क की सफाई खुद ही करते हैं। यहीं नहीं यहां के छात्रों को कक्षाओं में निकले कूड़े को भी फेंकना पड़ता है।
शोपीस बना प्रोजेक्टर और वॉटर प्यूरीफॉयर
प्राथमिक विद्यालय घौसाबाद में प्रथम में बच्चों के लिए लगा वॉटर प्यूरीफॉयर बंद पड़ा हुआ है। वहीं बच्चों को स्मार्ट शिक्षा के देने के लिए सामाजिक संस्था ने डेढ़ लाख का डिजिटल ब्लैकबोर्ड और प्रोजेक्टर दिया है। लेकिन विभाग के पास इसको चलाने के लिए नेट तक के पैसे नहीं है। शिक्षामित्र बच्चों को मौखिक रूप से पढ़ा रही थीं।
स्कूलों में नहीं है बिजली की व्यवस्था
एक सितंबर को जब विद्यालय खुले तो जिले के कई विद्यालयों में बिजली ही नहीं थी। बच्चों ने बरामदे और बगीचे में बैठकर पढ़ाई की। लेकिन इस समस्या का हफ्ते भर बाद भी निराकरण नहीं हो सका। प्राथमिक विद्यालय घौसाबाद प्रथम में बच्चे अंधेरे कमरों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
छत चाट रहे दीमक, फर्श की हालत खस्ता
पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिसनहरिया हो या प्राथमिक विद्यालय पुलिसलाइन इन विद्यालयों की दीवारें और फर्श को देखकर किसी अनहोनी की आहट सी होती है। विद्यालय की छत को दीमक ने पूरी तरह खराब कर दिया है, तो कहीं सीलन के कारण दीवारों पर लगे पेंट छूट रहे हैं।