सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक 30 सितम्बर को मंडल मुख्यालयों पर धरना देंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की राज्य परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया। पुरानी पेन्शन की बहाली, शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन समेत 25 अगस्त को मुख्यमंत्री को प्रेषित 18 सूत्रीय ज्ञापन को पूरा करने की मांग की जाएगी।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेम सिंह पुण्डीर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जो कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करेगी।
प्रदेश मंत्री व प्रवक्ता डा. आरपी मिश्र ने बताया कि बैठक में चार प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए। यदि प्रस्तावों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघर्ष किया जाएगा। दूसरे प्रस्ताव में प्रयागराज स्थित माध्यमिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार, शिक्षकों के बकाया पारिश्रमिक आदि का भुगतान और बोर्ड परीक्षा कार्यों को सीबीएसई की तरह करवाया जाए।
बैठक में पारित तीसरे प्रस्ताव में शिक्षकों के चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, पदोन्नति आदि के बकाया अवशेषों के भुगतान पर चर्चा हुई और निदेशालय की जगह पर डीआईओएस स्तर पर ही अवशेष की मंजूरी व भुगतान करने की मांग हुई।
चौथे प्रस्ताव में शिक्षकों के स्थानान्तरण में प्रबन्धक की एनओसी व अधिकारियों की सिफारिशों के नाम शिक्षकों से की जा रही वसूली पर भी चिंता व्यक्त की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए हेम सिंह पुण्डीर ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाकर शिक्षा संहिता की व्यवस्था के विपरीत साढे आठ घण्टे स्कूल में रुकने को मजबूर कर रही है। बैठक को प्रमुख रूप से एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी, ध्रुव कुमार त्रिपाठी महांमत्री इन्दासन सिंह, कोषाध्यक्ष सुभाष चन्द्र शर्मा समेत कई शिक्षक नेता मौजूद रहे।