राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती के लिए रविवार को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा तकरीबन 3.34 लाख अभ्यर्थियों ने छोड़ दी। परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति महज 32.03 फीसदी रही। परीक्षा सुबह 11 से दोपहर एक बजे की पाली में आयोजित की गई। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इस बार विषयवार परीक्षा केंद्र आवंटित किए थे। ऐसे में महिला अभ्यर्थियों को भी दूसरे जिलों में सेंटर आवंटित कर दिए गए। कोविड के दौर में केंद्र आवंटन की व्यवस्था से अभ्यर्थी पहले ही नाराज थे और रविवार को हुई परीक्षा में यह साबित भी हो गया।
1473 पदों के लिए 491370 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन
प्रवक्ता के 1473 पदों पर भर्ती के लिए 491370 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग ने प्रवक्ता (पुरुष/महिला) राजकीय इंटर कॉलेज (प्रारंभिक) परीक्षा-2020 के लिए प्रदेश के 16 जिलों में 1055 केंद्र बनाए थे। आयोग की परीक्षाओं में महिलाओं को उनके गृह जनपद में ही सेंटर आवंटित किए जाते हैं, लेकिन इस बार विषयवार केंद्र आवंटित किए गए। कुल 16 विषयों में भर्ती होनी है, सो प्रत्येक जिले में एक विषय के अभ्यर्थियों के लिए केंद्र आवंटित किए गए। परीक्षा केंद्र प्रयागराज समेत आगरा, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सीतापुर एवं वाराणसी जिले में बनाए गए थे।
जीएस ने दिया झटका तो विषयों ने संभाला
राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा आयोजित की गई। इससे पहले सीधे इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती होती थी। प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन (जीएस) के सवालों ने झटका दिया, लेकिन विषय के सवालों ने राहत दी और इसी आधार पर अभ्यर्थियों को पेपर संतुलित लगा।
अभ्यर्थियों का कहना है कि पेपर संतुलित और स्तरीय था। हालांकि सामान्य अध्ययन के कुछ सवाल काफी कठिन थे, लेकिन अपने विषय की ठीक से जानकारी होने के कारण थोड़ी राहत रही। प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन/वैकल्पिक विषय का एक प्रशभनपत्र था, जो वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय प्रकार का था। इसमें प्रशभनों की संख्या 120 थी, जिनमें 80 प्रशभन वैकल्पिक विषय और 40 प्रशभन सामान्य अध्ययन के थे। परीक्षा में माइनस मार्किंग भी थी, सो अभ्यर्थियों ने जीएस के कठिन सवालों को छोड़ देना ही बेहतर समझा। जीएस में उत्तर प्रदेश से जुड़े कई सवाल पूछे गए। वहीं, इतिहास, भूगोल और अर्थशास्त्र से जुड़े सवालों ने भी अभ्यर्थियों के लिए चुनौती पेश की।