गौरीगंज (अमेठी)। स्कूल में पढ़ने वाले दलित बच्चों से भेदभाव करना प्रधानाध्यापक को भारी पड़ा। बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए संग्रामपुर थाने में केस दर्ज कराया है। निलंबन अवधि में प्रधानाध्यापक को बीईओ कार्यालय अमेठी से संबद्ध करते हुए जांच की जिम्मेदारी बीईओ गौरीगंज को दी गई है। बीएसए की कार्रवाई से परिषदीय शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
अमेठी ब्लॉक क्षेत्र के बनपुरवा मजरे गड़ेरी से दो दलित परिवार मंगलवार को ग्राम प्रधान विनय जायसवाल के साथ संग्रामपुर थाने गए थे। थाने पहुंचे दलित जगनारायण व सोनू का कहना था कि उनके परिवार के बच्चे गांव के प्राथमिक स्कूल में पढ़ते हैं।
उनका कहना था कि यहां तैनात प्रधानाध्यापक कुसुम सोनी बच्चों के साथ सामाजिक भेदभाव करती हैं। वे बच्चों को एमडीएम वितरण के समय अलग पंक्ति में बैठाती हैं और इसकी शिकायत करने पर जमकर पिटाई करती हैं।
मामले की सूचना सार्वजनिक होने के बाद बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक, बीडीओ अमेठी विजय अस्थाना व बीईओ हरिनाथ सिंह जांच करने स्कूल पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला।
अफसरों ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों के बयान दर्ज किए तो उन्होंने पहले वाली बातें दोहरा दीं। ग्रामीणों का बयान दर्ज कराने के बाद वापस लौटे बीएसए ने बुधवार को प्रधानाध्यापक को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ तहरीर देकर संग्रामपुर थाने में केस दर्ज कराया है।
बीएसए की ओर से की गई इस कार्रवाई से परिषदीय शिक्षकों में हड़कंप मचा है। बीएसए ने कहा कि प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। मामले की निष्पक्ष जांच हो सके इसके लिए प्रधानाध्यापक को बीईओ कार्यालय अमेठी से संबद्ध किया गया है। विस्तृत जांच की जिम्मेदारी बीईओ गौरीगंज को दी गई है।