कोरोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से बंद चल रहे प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र अब फिर से गुलजार होंगे। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चार अक्तूबर से शुरू करने का फैसला किया है। अभी ये केंद्र सप्ताह में केवल दो दिन ही खुलेंगे।
महीने के तीसरे मंगलवार को होगा पीटीएम
निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार डॉ. सारिका मोहन ने शुक्रवार को सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र भेजकर आंगनबाड़ी केंद्रों की आवश्यक सेवाएं पुन: शुरू कराए जाने का निर्देश दिया। पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चार अक्तूबर से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोला जाए। इस तिथि से सभी आयु वर्ग के लाभार्थी सप्ताह में दो दिन (सोमवार एवं गुरुवार) केंद्रों पर उपस्थित होंगे। निर्धारित तिथि पर अवकाश होने की दशा में केंद्र अगले कार्य दिवस में खुलेंगे। केंद्रों पर तीन से पांच और पांछ से छह वर्ष के बच्चों को अलग-अलग पढ़ाया जाएगा। केंद्रों पर हर महीने के तीसरे मंगलवार को पीटीएम (अभिभावकों के साथ बैठक) आयोजित करने को भी कहा गया है।
निदेशक ने आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों समेत प्री प्राइमरी की पढ़ाई से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना भी जारी कर दी है। इसमें अक्तूबर-नवंबर माह की गतिविधियों से संबंधित कैलेंडर भी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के गृह भ्रमण के दौरान दी जाने वाली सेवाओं में भी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। अनुपूरक पोषाहार, परामर्श सेवाओं, वृद्धि निगरानी और आयरन गोलियों के वितरण कार्य में परिवारों से सपर्क के समय सही ढंग से मास्क लगाने तथा सपर्क के दौरान कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखने को कहा गया है।
गर्भवती, धात्री महिलाओं, बच्चों या परिवार में कोविड का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का निर्देश भी दिया गया है। नवजात शिशु, चिह्नित अति कुपोषित बच्चों, पहले त्रैमास की गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा छह से आठ माह की उम्र के बच्चों के यहां प्राथमिकता पर भ्रमण पर जाना है। कोविड काल में संक्रमण के डर से स्तनपान न कराने वाली महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।