सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने जारी किया आदेश
लखनऊ: प्रदेश की तदर्थ आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों और तदर्थ सेवासे विनियमित कर्मियों को यह खबर छटका देने वाली है। शासन ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए तदर्थ नियुक्ति व विनियमित कर्मियों की जेष्ठता का निर्धारण उनकी विनियमितीकरण की तिथि से करने का आदेश जारी कर दिया है। यही उनकी जेष्ठता में तदर्थ सेवा नहीं जुड़े गी।
तदर्थ कार्मिक के विनियमितीकरण के बाद वरिष्ठता निर्धारण का विवाद पुराना है कई मामलों में कर्मचारी तदर्थ सेवक को भी वरिष्ठता निर्धारण में शामिल करने की मांग करते रहे हैं। जबकि शासन विनियमितीकरण को ही नियमित नियुक्ति मानते हुए हो रिश्ता तय करने की बात करता रहा है।
आखिरकार यह प्रकरण सिविल अपील संख्या-10788/2016 में राशि मणि मिश्रा व अन्य बनाम यूपी राज्य ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई 2021 को इस संबंध में आदेश पारित किया था
अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि तदर्थ रूप में नियुक्त कर्मी की वरिष्ठता का निर्धारण उनकी तदर्थ नियुक्ति की तिथि से नहीं की जाएगी। बल्कि उनकी विनियमितीकरण की तिथि से किया जाएगा।