वाराणसी: शिक्षा का अधिकार के तहत वाराणसी के निजी स्कूलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक के फर्जी हस्ताक्षर से दाखिले का एक और मामला सामने आया है। बाकायदा सिफारिश पत्र भी मुहर भी लगी थी। जांच में खुलासा होने पर बच्चे का दाखिला निरस्त कर दिया गया है। ताजा मामला ज्ञानदीप एकेडमी चितईपुर का है।
धर्मेंद्र कुमार के पुत्र अयान राज का स्कूल में दाखिला हुआ। अब जब स्कूल ने शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बच्चे का प्रमाणपत्र बीएसए कार्यालय भेजा तो मामला पकड़ में आया। जिले में अब तक फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर आरटीई में 20 से ज्यादा दाखिले के मामले सामने आ चुके हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के सामने अगस्त में पहला मामला सामने आया था। अमर उजाला ने इसे प्रमुखता से आठ अगस्त के संस्करण में प्रकाशित किया था। सत्र 2019-20 में साइमन पटेल व सत्र 2020-21 में वंशिका सिंह, हितेश आर्यन श्रीवास्तव का नाम आरटीई के सूची में न होने के बाद भी दाखिला ज्ञानदीप विद्यालय में हो गया था। विभाग ने मामले की जांच की तो और मामले सामने आने लगे।
दो स्कूलों में सबसे ज्यादा प्रवेश
फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर आरटीई के तहत पांच निजी विद्यालयों में दाखिला लिया गया है। दो स्कूलों में फर्जीवाड़े का सबसे ज्यादा मामला सामने आया। जिसमें ज्ञानपदीप स्कूल लालपुर, ज्ञानदीप स्कूल चितईपुर व एसओएस हरमन माइनर स्कूल उमराहां प्रमुख हैं।
सिफारिशी पत्र में फर्जी हस्ताक्षर
फर्जीवाड़े का खेल सिफारिशी पत्र के आधार पर किया जा रहा है। पत्र में पत्रांक संख्या, तिथि भी अंकित है। पत्र की कॉपी डीएम, सीडीओ, एडी बेसिक को लिखी गई है। पत्र पर बीएसए व आरटीई के जिला समन्वयक विमल केशरी का फर्जी हस्ताक्षर व सील भी लगा हुआ है।
बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर दाखिला लेना अपराध है। मामले की सख्ती से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।