वाराणसी: कोरोना काल में लंबे समय से बंद चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र अब खुलने लगे हैं। शासन की ओर से सप्ताह में दो दिन (सोमवार और बृहस्पतिवार) आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित करने का आदेश दिया गया है, लेकिन जिले के ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों की बृहस्पतिवार को पड़ताल की गई तो आदेश की धज्जियां उड़ती दिखीं। दरअसल, जिले के सभी ब्लॉकों के ज्यादातर केंद्रों पर अव्यवस्थाएं दिखीं। यूं तो केंद्रों को सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित किया जाना है, लेकिन इसके उलट अधिकांश केंद्रों पर 10 बजे तक भी ताला नहीं खुला। इतना ही नहीं ज्यादातर केंद्रों पर न तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहुंचे न सहायिकाएं। बच्चों की उपस्थिति भी कहीं शून्य रही तो कहीं कुछ बच्चे ही पहुंचे। ऐसा माना जा रहा कि अभिभावकों को केंद्र के खुलने की जानकारी ही नहीं मिली है।
सेवापुरी ब्लॉक : केंद्र पर बच्चों का पता नहीं
आंगनबाड़ी केंद्र भटौली पर सुबह 9.20 बजे तक ताला लटकता रहा। यहां भी तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका नहीं पहुंचे। साढ़े नौ बजे सहायिका पहुंची और ताला खोला, लेकिन बच्चे नहीं आए। इस तरह की स्थित अन्य केंद्रों पर भी रही।
हरहुवां ब्लॉक : अधिकारियों के आने पर ही खुलता है केंद्र का ताला
हरहुवां ब्लॉक के भोहर गांव स्थित पंचायत भवन में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र पर भी सुबह 9.30 बजे तक कोई पहुंचा ही नहीं। यहां भी ताला लटका मिला। लोगों ने बताया कि जब कोई अधिकारी आते हैं तभी केंद्र खुलता है। अलोपुर गांव में भी केंद्र बंद रहा।
पिंडरा ब्लॉक : 10 बजे तक नहीं खुला पिंडरा में केंद्र
पिंडरा ब्लॉक में भी प्राथमिक विद्यालय परिसर में चलने वाला आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 10 बजे तक नहीं खुला। वहीं न अन्य केंद्रों की तरह यहां भी न बच्चे पहुंचे और न आंगनबाड़ी सहायिका और कार्यकर्ता पहुंचे।
चिरईगांव ब्लॉक : बच्चे करते रहे कार्यकर्ता का इंतजार
चिरईगांव ब्लॉक के उगापुर गांव में कंपोजिट विद्यालय स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे तो पहुंचे, लेकिन यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नहीं पहुंची। बच्चों ने बताया कि 10 बजे के पहले मैडम नहीं आती हैं। वहीं कार्यकर्ता बिंदु देवी ने बताया कि गांव में बच्चों को फार्म देने गई थीं।