वाराणसी: परिषदीय विद्यालयों को सजाने और संवारने और मरम्मत आदि के लिए शासन से भेजी गई धनराशि के खर्च में गड़बड़ी का मामला सामने आया है बीएसए
ये होंगे जांच अधिकारी
बीएसए ने मामले की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी चोलापुर, खंड शिक्षा अधिकारी आराजी लाइन, खंड शिक्षा अधिकारी चिरईगांव को जिम्मेदारी दी गई है।
क्या है कमंपोजिट ग्रांट
प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प के लिए कम अपोजिट ग्रांट भेजा जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से धनराज की आवंटन के लिए स्कूल में नामांकित बच्चों का पैमाना निर्धारित किया गया है लेकिन पिंडारा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय देवनाथपुरा मी कंपनी ब्रांड के तहत जारी किए गए ₹125000 की धनराशि में कोई काम नहीं कराया गया बताया जा रहा है कि कोरोना का बहाना लेकर प्रधानाध्यापक ने कम अपोजिट ग्रहण के पैसे तो निकाले लेकिन उससे विद्यालय में कोई कार्य नहीं कराया।