गौरीगंज (अमेठी)। शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद जिले के सात सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। इन स्कूलों में मात्र 1034 विद्यार्थी ही पंजीकृत हैं। इन बच्चों को शिक्षा देने के लिए शासन 38 शिक्षकों की तैनाती कर उनके वेतन मद पर प्रति माह करीब 40 लाख रुपये खर्च कर रहा है।
जनपद में बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग यूपी बोर्ड के साथ संस्कृत बोर्ड के सात सहायता प्राप्त स्कूलों का भी संचालन कराता है। शासन व जिला प्रशासन की तमाम कोशिश के बाद संस्कृत माध्यमिक स्कूलों में शैक्षिक सत्र में छात्र संख्या बढ़ने के बजाए घटती जा रही है।
एक तरफ जहां माध्यमिक स्कूलों में छात्र संख्या पर्याप्त होने के बावजूद शिक्षकों की कमी से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले के सात संस्कृत माध्यमिक स्कूलों में प्रथम, पूर्व मध्यमा व उत्तर मध्यमा में पंजीकृत बच्चों को शिक्षा देने के लिए 38 शिक्षकों की तैनाती की गई है। इन शिक्षकों पर 1034 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
38 शिक्षकों के वेतन मद में विभाग को प्रति माह करीब 40 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। एक तरफ जहां इन स्कूलों में छात्र संख्या कम होने के बावजूद छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप निर्धारित मानक के अनुसार अधिक शिक्षकों की तैनाती है वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक राजकीय/सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्र संख्या अधिक होने के बावजूद शिक्षकों की भारी कमी है।
यहां संचालित हो रहे संस्कृत स्कूल
संस्कृत बोर्ड का पटल संभालने वाले विकास तिवारी ने बताया कि जिले में कुल सात संस्कृत विद्यालय संचालित हैं। इनमें श्रीमत परमहंस संस्कृत माध्यमिक स्कूल टीकरमाफी, गौरीशंकर संस्कृत माध्यमिक स्कूल सिंगठी, रामजानकी संस्कृत माध्यमिक विद्यालय शुकुल बाजार, श्रीपंच संस्कृत माध्यमिक विद्यालय कौहारमल, देवीपाटन संस्कृत माध्यमिक विद्यालय अमेठी, नागेश्वर संस्कृत माध्यमिक विद्यालय हसरमपुर व स्वामी ब्रह्मानंद संस्कृत माध्यमिक विद्यालय कस्थुनी पूरब (यह सभी सहायता प्राप्त हैं) शामिल है। इसके अलावा गिरिजा शंभू संस्कृत माध्यमिक विद्यालय कटारी को वित्त विहीन मान्यता मिली है।
जिले में दो संस्कृत डिग्री कॉलेज
जिले में श्रीमत परमहंस संस्कृत महाविद्यालय टीकरमाफी (अमेठी) व शिवबहादुर संस्कृत महाविद्यालय अहोरवा भावनी (तिलोई) वित्त पोषित महाविद्यालय के रूप में संचालित हैं। यहां भी छात्रों की संख्या संतोषजनक नहीं है।
दिया गया निर्देश
डीआईओएस जयकरन लाल वर्मा ने कहा कि स्कूल प्रधानाचार्यों को पत्र जारी किया गया है। शैक्षिक सत्र में अभी प्रवेश चल रहा है। प्रधानाचार्यों को अभिभावकों से संपर्क कर स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। छात्र संख्या नहीं बढ़ने पर प्रधानाचार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।