वर्ष 2004 के बाद जिन भी अफसरों व कर्मचारियों की शादी हुई है, अब उन्हें अपनी शादी में मिले दहेज का ब्योरा शासन को देना होगा। शासन की ओर से आए दिशा निर्देश के बाद अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से सूची तैयार कर सभी विभागों को नोटिस भेजा रहा है। इस क्रम में प्रयागराज के लगभग 10 हजार अफसर व कर्मचारी शामिल होंगे। पिछले दिनों महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से सभी जिलों में पत्र आया है। इसमें उन कर्मचारियों व अफसरों से दहेज का ब्योरा मांगा गया है, जिनका विवाह 2004 के बाद हुआ है। अलग-अलग विभागों में लगभग 10 हजार के आसपास ऐसे कर्मचारी और अधिकारी बताए जा रहे हैं। इन सभी को विभागाध्यक्षों के माध्यम से नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है। इसका पूरा प्रपत्र शासन की ओर से आया है। जिसमें लोगों को शादी का वर्ष, उस वक्त की स्थिति और क्या-क्या दहेज लिया है, उसका ब्योरा देना होगा।
नोटिस मिलते ही मचा हड़कंपनोटिस मिलते ही विभागों में हड़कंप मच गया है। तमाम कर्मचारियों में इस नियम से आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि जब प्रदेश में योगी सरकार आई थी तो सभी से संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था। कर्मचारियों को अपने और अपने आश्रितों के नाम पर जितनी भी संपत्ति है उसे देना था। सभी ने इसे दिया है। अब इसके बाद यह नियम आने से लोग परेशान हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिया नोटिसअफसरों का कहना है कि यह शासन का आदेश नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के दहेज विरोधी आदेश दृष्टिगत यह आदेश जारी हुआ है। जिससे इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाकर और सुधार किया जा सके।
डीपीओ पंकज कुमार मिश्र ने बताया, शासन की ओर से पत्र मिला है। सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजा जा रहा है। आदेश है कि वर्ष 2004 के बाद जो भी विवाह हुआ है उसमें दहेज का ब्योरा देना होगा। इसके लिए पत्र भेजने की कार्रवाई शुरू हो गई है।