कौशाम्बी। परिषदीय स्कूलों में जहां सरकार एमडीएमए किताब, ड्रेस, जूता, मोजा निःशुल्क उपलब्ध कराती है वहीं जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्रों से आई कार्ड बनाने के नाम पर 15 रुपए वसूलने की तैयारी शुरू कर दिए हैं। यहीं नहीं यह आई कार्ड बनाने का कार्य एक प्राइवेट संस्था को दे दिया गया है। इसमें प्रधानाध्यापकों को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय में करीब एक लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन छात्रों को दिन में मध्याह्न भोजन के तहत गरम खाना दिया जाता है। इसके साथ ही निःशुल्क किताब ड्रेस, स्वेटर, जूता मोजा भी सरकार के जरिए निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। इसके साथ ही समय पर अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाता है। परिषदीय विद्यालयों में ज्यादातर गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं। सवाल यह उठता है कि जब सरकार इन विद्यालयों के बच्चों को सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान करती है तो आई कार्ड के नाम पर 15 रुपए वसूलने का निर्देश शासन ने क्यों जारी कर दिया है। इस निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साध लिए हैं।
बीएसए प्रकाश सिंह के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि निदेशक समाज कल्याण एवं शिक्षा विकास समिति लखनऊ के द्वारा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का परिचय पत्र बनाने के कार्यक्रम में सहयोग करने की अपेक्षा की गई है। परिचय पत्र कार्ड प्लास्टिक लेमिनेशन एवं फीता निःशुल्क देने का कार्यक्रम है, लेकिन रंगीन फोटो खिंचवाने का शुल्क बच्चों से 15 रुपए लेना प्रस्तावित है। हालांकि यह 15 रूपए का शुल्क सिर्फ दिव्यांग बच्चों से नहीं लिया जाएगा। बीएसए ने समस्त बीईओ को निर्देश जारी कर कहा है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का परिचय पत्र बनाने के कार्यक्रम में विद्यालय में प्रधानाध्यापकों को निर्देशित करें तथा अपना भी सहयोग प्रदान करें।