उत्तर प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों को ढाई साल बाद स्थायी प्राचार्य मिले हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्राचार्य पद पर चयनित 290 अभ्यर्थियों में से 284 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए हैं। वहीं, अधूरे विकल्प भरने पर छह अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित नहीं किए गए
हैं। इन अभ्यर्थियों को विकल्प भरने के बाद नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने 28 फरवरी 2019 को विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन के तहत प्राचार्य पद पर भर्ती के लिए आयोग ने पहली बार लिखित परीक्षा का आयोजन किया था और लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेने के बाद अंतिम चयन परिणाम घोषित किया था।
इससे पूर्व सीधे इंटरव्यू के आधार पर प्राचार्य पद पर चयन किया जाता था। चयनितों की काउंसलिंग एनआईसी लखनऊ ने 22 अक्तूबर को कराई और इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने चयनितों को नियुक्ति पत्र जारी किए। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज की ओर से अशासकीय महाविद्यालयों, सचिव, प्राधिकृत नियंत्रक एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा गया है कि निदेशालय की ओर से संबंधित महाविद्यालय की ईमेल आईडी पर चयनित प्राचार्य की नियुक्ति से संबंधित संस्तुति पत्र, आवेदन पत्र एवं प्रमाणन पत्र प्रेषित कर दिया गया है।
चयनितों को कार्यभार ग्रहण करा दिया जाए। हालांकि अभी 284 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। बाकी छह अभ्यर्थियों में चार पुरुष और दो महिलाएं हैं। इन्होंने सभी विकल्प नहीं भरे थे, जिस वजह से इन अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित नहीं किए गए हैं। इन्हें छह कॉलेजों का विकल्प भरना होगा, उसके बाद कॉलेज आवंटित किए जाएंगे।