प्रतापगढ़/ मानधाता : मानधाता विकास खंड के पूरे छत्ता बुआपुर प्राथमिक विद्यालय में मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से मिड-डे-मील बनाया जाता है। स्कूल में लगा इंडिया मार्का टू हैंडपंप जहां दूषित पानी दे रहा है, वहीं इस स्कूल में शौचालय व बाउंड्रीवाल का भी अभाव है। यहां बिजली भी नहीं है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को इस स्कूल की पड़ताल की।
जागरण टीम जब पूरे छत्ता बुआपुर प्राथमिक विद्यालय में पहुंची तो रसोइया मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से मिड-डे-मील बनाते मिली। यहां पर तीन अध्यापक, दो रसोईया की तैनाती है। अध्यापक विक्रम सिन्हा ने बताया कि इंडिया स्कूल में लगा इंडियामार्का टू हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। इसमें बालू आता है, पानी पीने लायक नहीं आता है। हैंडपंप की फर्श भी नहीं बनी है। विद्यालय में बाउंड्री वाल भी नहीं बनी, इससे बेसहारा जानवर घूमते रहते हैं। विद्यालय में बिजली का भी अभाव है। प्रधानमंत्री की सबसे महत्वपूर्ण योजना शौचालय का भी हाल बेहाल है। यहां शौचालय है ही नहीं। शौच के लिए विद्यालय के बच्चे व शिक्षक दूर खेतों की आड़ में जाने को मजबूर हैं। विद्यालय की रसोईया अमरावती और मालती ने बताया कि चूल्हे पर लकड़ी के सहारे खाना बनाया जाता है, जिससे बहुत धुआं उठता है। कभी-कभी लकड़ी गीली होने पर हम लोग खाना नहीं बना पाते। आसपास पेड़ों के सूखे पत्ते इकट्ठा करके चूल्हा जलाया जाता है। इससे किसी प्रकार खाना बनता है। पानी दूर से लाते हैं। इस विद्यालय में पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं है। ऐसी स्थिति में विद्यालय में अध्यापक बच्चों को कैसे भेजें। निजी स्कूलों में ज्यादा फीस देकर अभिभावकों को अपने बच्चों को पढ़ाना मजबूरी है। पूरे छत्ता बुआ पुर ग्राम सभा के प्रधान भागीरथी सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में विद्यालय में चारों तरफ से पानी भर जाता है। कोई रास्ता है नहीं। आसपास गांव के लोगों के खेत हैं। विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। शौचालय का काम हम शुरू करा रहे हैं। बिजली की व्यवस्था कराने के साथ ही हैंडपंप को रिबोर कराया जाएगा। बाउंड्री वाल के लिए पैसे की मांग की गई है। प्रधान ने स्वीकार किया कि विद्यालय में बच्चे कम हैं, अध्यापकों को प्रयास करना चाहिए कि बच्चों की संख्या बढ़े। एमडीएम समन्वयक मो. इजहार ने बताया कि सिलेंडर की डिमांड की गई है। स्कूल में जो भी कमियां हैं उसे दूर कराया जाएगा। हैंडपंप रिबोर कराने के साथ ही ग्राम पंचायत निधि से शौचालय की व्यवस्था कराई जाएगी।
- सुधीर कुमार सिंह, बीएसए