विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नौकरी
लखनऊ : सेवाकाल के दौरान दिवंगत हुए राज्य कर्मचारी की विवाहित पुत्री भी अब अनुकंपा आधारित नियुक्ति के लिए योग्य मानी जाएगी और इसके लिए आवेदन कर सकेगी। अभी तक उन्हें यह सुविधा नहीं हासिल थी। इसके लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली’ में बारहवें संशोधन को मंजूरी देते हुए मृतक कर्मचारी के कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री को भी शामिल करने का फैसला किया है। कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव को बुधवार को कैबिनेट बाई सकरुलेशन मंजूरी दे दी गई है।
कुटुंब की परिभाषा में अभी तक कर्मचारी के पति/पत्नी, अविवाहित पुत्र व पुत्री, विवाहित पुत्र शामिल थे। विवाहित पुत्री इसमें शामिल नहीं थीं। हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए विवाहित पुत्री को कुटुंब की परिभाषा में शामिल करने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने भी अपनी नियमावली में विवाहित पुत्री को कुटुंब की परिभाषा में शामिल कर लिया है। अब राज्य सरकार ने विवाहित पुत्री को कुटुंब की परिभाषा में शामिल करने का फैसला किया है।
अधिवक्ताओं को एकमुश्त पांच लाख : कैबिनेट ने उप्र अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 की धारा-13 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इससे उप्र अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में पंजीकृत अधिवक्ताओं को पंजीकरण के 30 वर्ष पूर्ण करने पर डेढ़ लाख से पांच लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। पंजीकरण से 30 वर्ष पूर्ण करने पर लगभग 5848 अधिवक्ताओं को इसका लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार ने 2017 के संकल्प पत्र में की गई घोषणा के क्रम में यह निर्णय किया है। वर्तमान में राज्य विधान मंडल का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने की स्थिति में मंत्रिपरिषद ने प्रस्तावित संशोधनों को अध्यादेश के माध्यम से कराए जाने का निर्णय किया है। इसी क्रम में उप्र अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम (संशोधन) अध्यादेश-2021 के प्रारूप को मंजूरी दी गई।
गरीबों को मुफ्त राशन
सरकार पात्र गृहस्थी व अंत्योदय कार्ड धारकों को मार्च 2022 तक निश्शुल्क राशन देगी। सरकार गेहूं-चावल के साथ ही एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल और एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी प्रदान करेगी। राशन दिसंबर से मिलना शुरू हो जाएगा। योगी कैबिनेट ने बुधवार को इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री ने अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान मार्च तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की थी। अंत्योदय कार्ड धारकों को राशन में 35 किलो चावल, गेहूं के साथ-साथ दाल, तेल और नमक दिया जाएगा। योजना से 15 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को प्रति यूनिट पांच किलो राशन (तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल) मिलता है। इसी तरह अंत्योदय कार्ड धारक को 35 किलो राशन ( 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल ) मिलता है।
अन्य फैसले
लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में स्पोट्र्स मेडिसिन विभाग के संचालन को कैबिनेट ने बुधवार को हरी झंडी दे दी। प्रदेश और बाहर के खिलाड़ियों को यहां इलाज की उच्चस्तरीय सुविधा मिलेगी। खेल के दौरान खिलाड़ियों को लगने वाली गंभीर चोट का यहां विशेषज्ञ डाक्टरों की मदद से इलाज किया जाएगा।
भारत सरकार की मदद से केजीएमयू में स्थापित किए गए स्पोट्र्स मेडिसिन विभाग 20 अक्टूबर 2022 से किया जाएगा। इस विभाग का संचालन राज्य सरकार के बजट से किया जाएगा। डाक्टर व अन्य स्टाफ के 13 पदों का सृजन किया गया है। इस विभाग में स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुसार पद सृजित करने की कार्रवाई अलग से की जाएगी। उधर केजीएमयू की लारी कार्डियोलाजी में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। लारी कार्डियोलाजी के लिए अलग से बहुमंजिला इमारत बनाई गई है। इसमें पांच कैथ लैब सहित जांच से जुड़ी कई सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। करीब 47.48 करोड़ रुपये की धनराशि से भवन तैयार किया गया था, लेकिन अभी तक इसमें नई सुविधाएं शुरू नहीं हो पाईं थी। इसे शुरू करने के लिए पांच करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई थी और इसे मंजूरी दे दी गई। वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पुराने भवन की मरम्मत कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।
कम खर्चे में बनेगा 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, इटावा में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण में होने वाले खर्चे को घटा दिया गया है। इस परियोजना की लागत अब तक 537.26 करोड़ रुपये थी। मगर अब इस पर 489.88 करोड़ रुपये की धनराशि ही खर्च की जाएगी। इसके लिए 25 मार्च 2019 को एक समिति का गठन किया गया था। समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के आधार पर परियोजना का पुन: परीक्षण किया गया। जिसके आधार पर परियोजना की लागत घटाने का निर्णय लिया गया। इसे भी मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है।
मातृभूमि’ को संवारने का सरकार ने खोला द्वार, सोसायटी का होगा गठन, सीएम होंगे अध्यक्ष
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया है। इसके तहत गांव के विकास की योजना आपकी होगी, उसमें आप 60 फीसद धन देंगे तो सरकार भी 40 प्रतिशत खर्च उठाएगी। इतना ही नहीं विकास का सारा श्रेय, शिलापट आदि आपका ही लगेगा।
असल में प्रदेश के बड़ी संख्या में लोग गांव से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व विदेश में कार्यरत हैं। गांव में रह रहे व बाहर गए सुविधा संपन्न लोग अपने गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म न होने की वजह मन मसोस कर रह जाते थे। उन्हें व निजी संस्थाओं को इस योजना ने मौका दिया है।
इस तरह लागू होगी योजना
योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान की राशि यानि 40 प्रतिशत या उससे कम राशि की व्यवस्था कार्य से संबंधित विभागों के बजट प्रविधानों से की जाएगी। ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी’ का पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत कराया जाएगा। सोसायटी का राज्य स्तर पर एस्क्रो बैंक अकाउंट व जिला स्तर पर मातृभूमि योजना सोसायटी के तहत अलग से बैंक अकाउंट खुलवाया जाएगा।
सोसायटी को 100 करोड़ की कारपस फंड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग किसी योजना के लिए राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा व बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस किया जाएगा। इस फंड के ब्याज से योजना के संचालन का व्यय भार वहन किया जा सकेगा।
पसंद की एजेंसी से करा सकेंगे कार्य : योजना के तहत दानकर्ता की इच्छा के अनुसार उसकी पसंद की एजेंसी के माध्यम से कार्य कराया जाएगा। एजेंसी की ओर से दिये गये कार्य के नक्शे और डीपीआर आदि कार्य से संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारी स्वीकृत करेंगे। कार्य पूर्ण होने के बाद एजेंसी के नियमों के अनुसार भुगतान करना होगा। दानकर्ता स्वयं भी कार्य करा सकते हैं, परंतु ऐसे मामले में सक्षम स्तर से डीपीआर अनुमोदित होगी व भुगतान सीधा वेंडर्स को किया जाएगा। निर्माण कार्यों में से कोई भी कार्य यदि कोई सरकारी या प्राइवेट कंपनी कराना चाहती है तो ऐसे कार्यों के लिए सरकारी सार्वजनिक उद्यम/निजी औद्योगिक इकाइयां कार्य की कुल लागत का 60 प्रतिशत राशि स्वयं और शेष 40 प्रतिशत राशि उस कंपनी के सीएसआर के माध्यम से सरकारी अनुदान में दे सकती हैं यानी इस योजना के तहत कोई भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी अपने सीएसआर में से 40 प्रतिशत इन कार्यों के लिए दे सकेगी, जिसे सरकारी अनुदान के तौर पर माना जाएगा।
खास-खास
’विकास कार्य की लागत का 60% खर्च उठाएं तो 40% देगी सरकार
’मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उप्र मातृभूमि योजना पर लगाई मुहर
’उप्र मातृभूमि सोसायटी का होगा पंजीकरण, 100 करोड़ का फंड
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी’ का गठन किया जाएगा। इस सोसायटी के तहत गवर्निंग काउंसिल में मुख्यमंत्री अध्यक्ष व पंचायतीराज मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य और अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज विभाग सदस्य सचिव होंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन किया गया है। इसमें संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य व निदेशक, पंचायतीराज उप्र सदस्य सचिव होंगे।
पाकिस्तान से आए 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को मिलेगी जमीन
लखनऊ : सरकार वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से उत्तर प्रदेश आए 63 हंिदूू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने को 200 वर्ग मीटर जमीन कानपुर देहात में दी जाएगी। मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से 1.20 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। कैबिनेट ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
प्रदेश में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से 65 बंगाली परिवार उप्र आए थे। इन्हें रोजगार देकर मदन कपास मिल हस्तिनापुर मेरठ में पुनर्वास किया गया था। यह मिल आठ अगस्त, 1984 को बंद हो गई थी। इसके चलते हंिदूू बंगाली परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। दो परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में 63 परिवार पिछले 30 साल से पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे।
एफएसएल निदेशक की नियुक्ति की राह आसान
लखनऊ : विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के निदेशक की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने उप्र विधि विज्ञान प्रयोगशाला तकनीकी अधिकारी सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2021 को मंजूरी दी है, जिसके बाद अब एफएसएल निदेशक की नियुक्ति शासन स्तर से हो सकेगी।
एफएसएफ में अब तक संघ लोक सेवा आयोग के जरिये निदेशक की नियुक्ति का प्रविधान था, लेकिन करीब चार वर्षाें से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। इसके चलते उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को निदेशक का पदभार सौंपा जा रहा था। इसके अलावा नियमावली में वैज्ञानिक अधिकारियों की नियुक्ति का रास्ता भी आसान किया गया गया है। अब तक वैज्ञानिक अधिकारियों की नियुक्ति अलग-अलग 12 अनुभागों में होती थी। योग्यता के अनुरूप समान तरह के अनुभागों की संख्या आधी कर वैज्ञानिक अधिकारियों की नियुक्ति तेज गति से किए जाने का निर्णय किया गया है। अब छह अनुभाग के तहत वैज्ञानिक अधिकारियों की नियुक्ति होगी। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन की गति तेज किए जाने के दृष्टिगत यह अहम निर्णय किया गया है।
सुरक्षा बेड़े में होंगी 34 बुलेटप्रूफ फारच्यूनर
वीआइपी सुरक्षा में अब बुलेटप्रूफ एम्बेस्डर कारों के स्थान पर बुलेटप्रूफ फारच्यूनर दौड़ेंगी। कैबिनेट ने विशिष्ट/अतिविशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के दृष्टिगत 34 निष्प्रयोज्य बुलेटप्रूफ एम्बेस्डर कारों के स्थानों पर 34 नई फारच्यूनर वाहन खरीदकर उन्हें बुलेटप्रूफ कराये जाने की मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने इसके अलावा मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता दोगुना किए जाने के लिए आवासीय भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति भी प्रदान की है। वहीं, अमेठी पुलिस लाइन में आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य तथा एटीएस, एसटीएफ व स्पेशल पुलिस आपरेशन टीम (स्पाट) के लिए नए वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है।