प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों में इसी माह कर्मचारियों की बंपर भर्ती होने जा रही है। यह वे नए मेडिकल कॉलेज हैं जिनका लोकार्पण गत माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इन कॉलेजों में होने वाली भर्ती की संख्या तीन हजार से अधिक होगी। इस इसी सप्ताह शुरू हो जाएगी और एक माह के अंदर इसे पूरा किया जाना है। चिकित्सा शिक्षा विभाग और महानिदेशालय ने इस संबंध में सभी नौ मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हालिया वर्षों में काफी काम हुआ है। कोरोना काल में इस काम में और तेजी आई। अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही नए मेडिकल कॉलेज भी बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि अभी इस अनुपात में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता नहीं हो पाई है। फिलहाल उन नौ मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की तैनाती की जा रही है, जिन्हें पिछले माह 20 अक्तूबर को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए अनुमति प्रदान की गई थी। इनमें फतेहपुर, एटा, मिर्जापुर, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, हरदोई, प्रतापगढ़, गाजीपुर के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
आउटसोर्सिंग से होगी भर्ती
इन नौ मेडिकल कॉलेजों में स्थायी स्टाफ की नियुक्ति प्रक्रिया में अभी समय लगेगा। ऐसे में अभी आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती की जाएगी। विभागीय सूत्रों की मानें तो हर कॉलेज के लिए पैरामेडिकल सहित अन्य स्टाफ की अधिकतम संख्या 683 तय हुई है। मगर फिलहाल आवश्यकता के हिसाब से हर कॉलेज में 300 से 400 के बीच में भर्तियां की जाएंगी।
भर्ती प्रक्रिया पर नजर रखने के निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग और महानिदेशालय ने सभी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि चयनित कंपनियों के जरिए होने वाली इस भर्ती प्रक्रिया पर पूरी नजर रखें। उन्हें तत्काल पदों को विज्ञापित करने को कहा गया है। यह भी कहा गया है कि आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा अभ्यर्थियों से अवैध वसूली किए जाने की शिकायतें पूर्व में मिलती रही हैं। इस बात को लेकर विशेष नजर रखी जाए कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे।