इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में उन अभ्यर्थियों को बैठने की अनुमति दी जाए, जिन्होंने अपनी फीस रसीद में गलत पंजीकरण नंबर भर दिया है। कोर्ट ने यह आदेश अंतरिम रूप से दिया है तथा कहा है कि याचीगण का अभ्यर्थन याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। शिव बचन मौर्य व दो अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 13 नवंबर को होनी है। मगर याचीगण को आयोग ने प्रवेश पत्र जारी नहीं किया है। जिसकी वजह से वह परीक्षा में बैठने से वंचित हो जाएंगे। उधर आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि जिन अभ्यर्थियों ने अपनी फीस रसीद में गलत पंजीकरण नंबर भरा है, उनको प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया है।
आयोग का यह भी कहना था कि इस संबंध में एक विज्ञप्ति भी प्रकाशित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पंजीकरण संख्या सही-सही भरना आवश्यक है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने गलत पंजीकरण नंबर भरे हैं, जिसकी वजह से उनको प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि याचीगण ने फीस भरने के बाद आवेदन पत्र भी भर दिया है। इस स्थिति में उनको परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए जो किसी याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।