राजस्थान में शिक्षक भर्ती के लिए रीट पात्रता परीक्षा के बाद एक बाद फाइनल चयन के लिए एक और परीक्षा शुरू हो सकती है। गहलोत सरकार इस पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री निवास पर शुक्रवार को आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस पर विचार किया गया। बैठक में इस पर विचार हुआ कि अध्यापक भर्ती प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा हो। हालांकि वर्तमान में जारी 31000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया में यह नियम लागू मुश्किल ही लागू हो क्योंकि इसका नोटिफिकेशन पहले जारी हो चुका है।
वर्तमान में रीट के जरिए चल रही 31000 शिक्षक भर्ती में रीट पास करने वाले अभ्यर्थियों की अब कोई परीक्षा नहीं होगी। अब उनके ऐकेडमिक मार्क्स के आधार पर फाइनल मेरिट बनेगी। बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय रीट पास करने वाले पात्र परीक्षार्थियों के एकेडमिक इनडेक्स से 10 फीसदी मार्क्स जोड़ेगा। इसके बाद फाइनल मेरिट लिस्ट बनेगी। फाइनल मेरिट में 90:10 का फॉर्मूला लगाया जाएगा। यानी 90 फीसदी मार्क्स रीट से लिए जाएंगे और 10 फीसदी ऐकेडमिक डिग्री से लिए जाएंगे। जिनका मेरिट में नाम आएगा, वो शिक्षक भर्ती में चयनित होंगे। इसके बाद सरकार नियुक्तियां देगी।
बीएड अभ्यर्थियों को बड़ी राहत
सीएम गहलोत ने घोषणा की है कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है। इन अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा।
यह भी तय किया गया है कि प्रदेश के 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पद का सृजन होगा। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3 हजार 533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को डाइंग कैडर घोषित किया जाएगा। इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद भी सृजित किए जाएंगे। इस निर्णय से स्कूल शिक्षा में व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।