वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अशोक कुमार सिंह यादव ने 1200 रुपये रिश्वत लेने के आरोपी तत्कालीन आपूर्ति निरीक्षक प्रमोद कुमार दूबे को तीन साल के सश्रम कारावास एवं आठ हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक विक्रमशील चतुर्वेदी के अनुसार सोनभद्र दुद्धी क्षेत्र के सुपाचुवां निवासी संतोष कुमार गुप्ता ने 27 जुलाई 2011 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन में दिए गए आवेदन में आरोप लगाया था कि वह सरकारी सस्ते गल्ले का दुकान चलाता है। इस दौरान आपूर्ति निरीक्षक प्रमोद कुमार दूबे हर माह रिश्वत के रूप में चीनी, मिट्टी का तेल तो कभी कुछ रुपये लेते रहते थे।
1700 रुपये मांगे थे
26 जुलाई 2011 को कोटे के राशन निकासी के लिए कार्यालय गया तब आरोपी प्रमोद कुमार दूबे उससे 1700 रुपये मांगने लगे। दबाव बनाने पर उसने पास में मौजूद पांच सौ रुपया दे दिया और बाकी रकम बाद में देने का आश्वासन दिया। संतोष के शिकायत की पुष्टि होने पर एक अगस्त 2011 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ट्रैप पार्टी ने 1200 रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आपूर्ति निरीक्षक अब रिटायर हो चुके हैं।