प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत सहायक अध्यापकों से मतदाता सूची के सत्यापन का कार्य लिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं, विशेष अपीलों की सुनवाई स्पेशल बेंच करेगी। मुख्य न्यायाधीश इसके लिए अलग बेंच गठित करेंगे। ताकि इस प्रकरण का न्यायिक समाधान एक साथ हो सके। कमलेश यदव की स्पेशल अपील पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
अपीलार्थी का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ याची की याचिका खारिज कर दी है, जबकि शिवशंकर सिंह व अन्य के केस में एक अन्य 16 अगस्त 2021 के आदेश से एकलपीठ ने बीएलओ ड्यूटी लगाने के आदेश पर रोक लगा थी। अधिवक्ता की ओर से लखनऊ पीठ व इलाहाबाद पीठ में लंबित कई विशेष अपीलों व याचिकाओं का हवाला दिया गया। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज करने का निर्णय सही है।
कोर्ट ने बड़ी संख्या में लंबित याचिकाओं को देखते हुए सरकारी अधिवक्ता को लखनऊ व इलाहाबाद के सभी मुकदमों की सूची प्रस्तुत करने और साथ ही निदेश बेसिक शिक्षा से इस मामले में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि निदेश मांगी गई सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराते हैं या अपूर्ण सूचनाएं दी जाती हैं तो अदालत उनको व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानेगी।